नाबालिग के अपहरण और पॉक्सो में बागेश्वर के युवक को 12 साल की सजा
विशेष न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी ने अपहरण और पॉक्सो धाराओं में अभियुक्त को दोषी पाते हुए क्रमश ससश्र और 12 साल की सजा से दंडित किया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 21 Dec 2019 05:59 PM (IST)
बागेश्वर, जेएनएन : विशेष न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी ने अपहरण और पॉक्सो धाराओं में अभियुक्त को दोषी पाते हुए क्रमश: ससश्र और 12 साल की सजा से दंडित किया है। साथ ही 11 हजार रुपये का जुर्माना देने का आदेश भी पारित किए हैं। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भोगनी होगी। दोषी जिला कारागार अल्मोड़ा में निरुद्ध है। विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो खड़क ङ्क्षसह कार्की ने मामले की पैरवी की। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी 2019 की सुबह ग्राम भगदानू निवासी पीडि़ता की गुमशुदगी राजस्व पुलिस क्षेत्र जखेड़ा में दर्ज कराई गई थी। पीड़िता के नाबालिग होने से मामले की विवेचना नियमित पुलिस को हस्तांतरित की गई।
बैजनाथ थाने में एसआइ निधि शर्मा ने मोबाइल सर्विलांस के आधार पर पीडि़ता की बरामदगी नौ मार्च 2019 को अलीगढ़ के पंचनगरी, सासनी गेट थाने के अंतर्गत जितेंद्र कुमार शर्मा पुत्र रामकुमार शर्मा के घर से की। बाद में मामले में धारा 376, 365 और पॉक्सो में बढ़ोतरी की गई। अभियुक्त जितेंद्र कुमार शर्मा को पुलिस बागेश्वर लाई और अदालत में पेशी के बाद अल्मोड़ा जेल भेजा। मामले में विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो खड़क ङ्क्षसह कार्की ने आठ गवाह विशेष न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी की अदालत में परीक्षित कराए। अदालत ने अभियुक्त को दोषी पाते हुए धारा 365 में सात साल का कठोर कारावास और एक हजार रुपये का अर्थदंड, जुर्माना नहीं देने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास सुनाया। साथ ही पॉक्सो में 12 साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माना से दंडित किया। अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। अपराधी जितेंद्र कुमार शर्मा जिला कारागार में निरुद्ध है और सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
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