Move to Jagran APP

सीएम रावत ने जिले के लिए 151 घोषणाएं की, 120 अभी तक हैं अधूरी nainital news

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिले के लिए 151 घोषणाएं की हैं जिनमें से 120 अभी तक अधूरी हैं। 26 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं जबकि पांच को विलोपित किया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:03 PM (IST)
Hero Image
सीएम रावत ने जिले के लिए 151 घोषणाएं की, 120 अभी तक हैं अधूरी nainital news
रुद्रपुर, जेएनएन : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिले के लिए 151 घोषणाएं की हैं, जिनमें से 120 अभी तक अधूरी हैं। 26 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि पांच को विलोपित किया गया है। यह खुसाला हुआ है मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ. केएस पवार की बैठक में उन्‍होंने रविवार को एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति के संबंध में बैठक कर जानकारी ली। जिसके बाद शासन स्तर पर लंबित घोषणाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

जनहित से जुड़े मामलों को प्राथमिकता : डीएम

डाॅ पवार ने कहा कि पवार यह भी कहा कि शासन स्तर पर आंकलन भेजने से पहले उनकी पूरी जांच कर लें ताकि कोई आपत्ति न लगे। कितने फीसदी कार्य पूरा हो गया है, उसका आकलन कर, फोटोग्राफ अवश्य लिए जाएं। जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि जनहित से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाए। इस दौरान सीएम घोषणा में अधूरे कार्य पर लोक निर्माण विभाग सहित कई विभागों के प्रति नाराजगी भी प्रकट की।

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल, उत्तराखंड श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर ङ्क्षसह सत्याल, सीएम के विशेष कार्याधिकारी गोपाल सिंह रावत, मीडिया कोआर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत, प्रोटोकाल अधिकारी आनंद सिंह रावत, अध्यक्ष वन विकास निगम सुरेश परिहार, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, अपर जिलाधिकारी उत्तम सिह चौहान, जगदीश चंद्र कांडपाल, क्षेत्रीय प्रबंधक सिडकुल पारितोष वर्मा, नगर आयुक्त काशीपुर वंशीधर तिवारी, सुदर्शन नाथ, अमित नारंग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सब्सिडी खत्म तो भाग रहीं कंपनियां

सीएम के औद्योगिक सलाहकार केएस पवार ने प्रेस वार्ता में बताया कि इन्वेस्टमेंट समिट में देश के बहुत से उद्योगपति औद्योगिक निवेश करने के लिए तैयार हैं। कहा कि सब्सिडी के चक्कर में उत्तराखंड आए लोग यहां से जा रहे हैं। जिन कंपनियों की सब्सिडी खत्म हो गई है, सिर्फ वे  यहां से भाग रहे हैं। एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि ब्यूरोक्रेसी जनप्रतिनिधियों पर हावी है तो इसका भी हल निकाला जाएगा।

यह भी पढ़ें : नेपाल के वाणिज्‍य मंत्री ने कहा- भारत-नेपाल के हित में पंचेश्वर बांध का निर्माण जरूरी 

यह भी पढ़ें : नेपाल के वाणिज्य मंत्री ने ड्राई पोर्ट व पंचेश्वर बांध को बताया दोनों देशों की जरूरत 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।