Move to Jagran APP

हल्द्वानी की तीन फर्मों में पकड़ा 150 करोड़ का फर्जीवाड़ा

राज्य कर विभाग ने पिछले सप्ताह कुमाऊं की 70 फर्मों के नाम पर 8500 करोड़ का ई-वे बिल घोटाला होने का पर्दाफाश किया था।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 21 Dec 2019 01:44 PM (IST)
हल्द्वानी की तीन फर्मों में पकड़ा 150 करोड़ का फर्जीवाड़ा
हल्द्वानी, जेएनएन : लोगों के बिजली बिल हासिल कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी चोरी करने के मामले सामने आ रहे हैं। राज्य कर विभाग ने पिछले सप्ताह कुमाऊं की 70 फर्मों के नाम पर 8500 करोड़ का ई-वे बिल घोटाला होने का पर्दाफाश किया था। विभागीय कार्रवाई आगे बढऩे के साथ ही फर्जीवाड़े की परते उधड़ने लगी हैं। विभागीय जांच के मुताबिक, हल्द्वानी में अब तक तीन फर्मों की सत्यता का मिलान कराया जा चुका है। इन तीनों ही फर्मों ने अलग-अलग कारोबार दिखाकर 150 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है। अधिकारियों के मुताबिक टैक्स चोरी को बिजली बिल व फर्जी किरायानामा के आधार पर अंजाम दिया गया है। अभी और मामले खुलने की संभावना है।

केस 1 : दूधिये के नाम 19 करोड़ का कारोबार

शहर के मोहल्ला शिवनगर में दर्शाए गए दूध कारोबारी ने दो माह में 19 करोड़ की ऑनलाइन ट्रेड्रिंग कर ली। बिजली बिल के आधार पर जीएसटी टीम संबंधित पते पर पहुंची। जांच में सामने आया कि गृह स्वामी कई घरों में दूध का कारोबार करता है। फर्जी कारोबार करने वालों ने गृह स्वामी का बिजली बिल हासिल कर उसी के पते व नाम पर कारोबार शुरू कर दिया।

केस 2 : श्रमिक के घर 120 करोड़ का व्यापार

रुद्रपुर की फैक्ट्री में काम करने वाले हल्द्वानी निवासी सुरेश गुप्ता के नाम पर तीन माह में 120 करोड़ रुपये का फुटवियर का कारोबार कर दिया गया। विभागीय अधिकारियों की जांच में पते पर सुरेश पांडे तो मिले, लेकिन दुकान, गोदाम या कारोबार कहीं नहीं मिला। असली बिजली बिल के आधार पर फर्जी कारोबार खड़ा कर दिया गया।

केस 3 : कॉम्प्लेक्स में 10 करोड़ का प्लास्टिक कारोबार

कालाढूंगी रोड स्थित एक कॉम्प्लेक्स में दो माह के भीतर 10 करोड़ का प्लास्टिक कारोबार कर दिया गया। राज्य कर विभाग की जांच में यह मामला भी फर्जी निकला है। जालसाजों ने फर्जी किरायानामा तैयार कर कारोबार दर्शाया। इसके लिए भी बिजली बिल का सहारा लिया गया। संबंधित स्थान पर महिला छोटी सी दुकान चलाती है। असिस्टेंट कमिश्नर राज्य कर विभाग गौरव पंत ने कहा कि शुरुआती जांच में बिजली व पानी के बिलों के आधार पर फर्जीवाड़े को अंजाम देने के मामले सामने आए हैं। एक ही नाम पर लिए गए रजिस्ट्रेशन में अलग-अलग फोटो प्रयोग किए गए हैं। फर्जी पंजीयन रद किया जा रहा है। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें :  न्‍यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में दो साल कारावास की सजा सुनाई 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।