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चित्रक दूर करेगा चित्तीदार दाग

विनोद पपनै, रामनगर: प्रकृति में यदि रोग हैं तो उसका इलाज भी संभव है। हम प्रकृति की इस नेमत को पहचान

By JagranEdited By: Updated: Sat, 08 Jul 2017 01:00 AM (IST)
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चित्रक दूर करेगा चित्तीदार दाग

विनोद पपनै, रामनगर: प्रकृति में यदि रोग हैं तो उसका इलाज भी संभव है। हम प्रकृति की इस नेमत को पहचान लेते हैं तो असाध्य रोगों का भी इलाज चुटकी में कर सकते हैं। ऐसा ही एक पौधा है चित्रक। इसमें कुष्ठ से लेकर चर्म रोगको दूर करने की अपार क्षमता है। इसके अलावा इस पौध में कई औषधीय गुण भरे हैं। यह आसानी से हर जगह उपलब्ध हो जाता है।

एलोपैथिक, आयुर्वेदिक तथा होम्योपैथिक इलाज के बाद भी यदि चर्म तथा कुष्ठ रोग ठीक नहीं हो रहा है तो चित्रक उसे चंद दिनों में ही दूर कर देगा। कुष्ठ ही नहीं और भी कई प्रकार की व्याधियों को इससे दूर किया जा सकता है।

पूरे भारत में पाया जाने वाला चित्रक झाड़ी नुमा आकार लिए होता है। इसे अलग-अलग स्थानों में चित्रा, चित्रक, चीतावर, चित्रकमूल के नाम से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम प्लुम्बोगो जाइलेनिका है।

इसकी पत्ती गहरे हरे रंग की गोल किंतु आगे से नुकीली होती है। इसमें सफेद रंग के फूल आते हैं। इसकी जड़, मूल की छाल, तथा पत्तियां उपचार की दृष्टि से बहुत उपयोगी है। इसकी जड़ को पानी में घिस कर सफेद दाग में लगाने से यह रोग धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।

इन रोगों में है कारगर: चर्म रोग, बवासीर, कृमि रोग, ज्वर, पांडू रोग के अलावा कैंसर के रोग को भी दूर करने के लिए भी यह उपयोगी है।

सांप के काटने में भी लाभदायक: अगर किसी को सांप ने काट लिया है, तो उसे इसकी जड़ काढ़ा पिलाया जाता है। इसके अलावा काटे स्थान पर लेप भी लगाया जाता है। चित्रक की तीन प्रजातियां होती हैं। इसमें चित्रक श्वेत, चित्रक रक्त तथा चित्रक नील प्रमुख हैं।

-चर्म व कुष्ठ रोग के अलावा यह कई रोगों में अपना असर दिखाने में माहिर है। चर्म रोग अथवा कुष्ठ रोग से पीडि़त वर्षाकाल में इसकी शाखा से कलम बनाकर अथवा बीज से पौंध तैयार कर गमले में लगा सकते हैं।

-मदन सिंह सिह बिष्ट, प्रभारी वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी।