फिजीबिलिटी टेस्ट ने 25 प्रतिशत बढ़ा दिया हल्द्वानी रिंग रोड का बजट
सर्वे कंपनी की ओर से दोबारा फिजीबिलिटी टेस्ट करने के बाद 240 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च का आंकलन कर रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई है।
By Edited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 07:54 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : केंद्र सरकार की मेहरबानी पर टिकी हल्द्वानी की प्रस्तावित रिंग रोड का बजट बढ़ता जा रहा है। सर्वे कंपनी की ओर से दोबारा फिजीबिलिटी टेस्ट करने के बाद 240 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च का आंकलन कर रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई है। एलीवेटेड रोड व पुल आदि निर्माण की वजह से बजट बढ़ गया है। हालांकि रिपोर्ट की पूरी समीक्षा करने के बाद लोनिवि इसे शासन को भेजेगा।
22 अप्रैल 2017 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में रिंग रोड बनाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद एक करोड़ 57 लाख रुपये इस प्रोजेक्ट की फिजीबिलिटी टेस्ट के लिए स्वीकृत कर गाजियाबाद की क्राफ्ट कंसलटेंसी कंपनी को सर्वे का काम दिया गया। रिंग रोड का भौतिक सत्यापन होने के बाद करीब 700 करोड़ की लागत आकी गई। सर्वे होने पर यह बजट बढ़कर 760 करोड़ पहुंच गया। लोनिवि ने यह प्रस्ताव शासन को भेजा। हालांकि बड़ा प्रोजेक्ट होने की वजह से शासन ने इसे केंद्र पोषित योजना में रखने की बात कही। ताकि धनराशि उपलब्ध हो सके। जुलाई में एक वीडियो काफ्रेंसिंग के दौरान सीएम ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा प्रोजेक्ट को सैद्धातिक अनुमति मिल चुकी है। अब इसे केंद्र पोषित योजना में सहमति दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं लोनिवि अधिकारियों के मुताबिक 51 किमी लंबी रिंग रोड में दमुवाढूंगा के पास ब्यूरा नामक जगह पर लैंडस्लाइड का खतरा है। जिस वजह से 275 मीटर एलीवेटेड सड़क का निर्माण जरूरी है। साथ ही काठगोदाम में डबल लेन पुल, छोटे-मोटे अन्य बदलाव की संभावना भी है। जिस वजह से अब 240 करोड़ अतिरिक्त खर्च का अनुमान लगाया गया है। वहीं, लोनिवि के मुताबिक कंपनी की रिपोर्ट समीक्षा के बाद शासन को भेजी जाएगी। फिलहाल बदलाव की भी संभावना है।
प्रथम चरण में 208 करोड़ की दरकरार ¨रग रोड के प्रस्ताव को प्रथम चरण में 208 करोड़ चाहिए। प्रभावित लोगों को मुआवजा और लैंड ट्रांसफर में यह पैसा खर्च होगा। क्योंकि वनभूमि का हिस्सा भी अधिग्रहण में शामिल होगा। फॉरेस्ट एरिया से करीब बीस किमी सड़क निकलनी है। जिस वजह से वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया।
22 अप्रैल 2017 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में रिंग रोड बनाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद एक करोड़ 57 लाख रुपये इस प्रोजेक्ट की फिजीबिलिटी टेस्ट के लिए स्वीकृत कर गाजियाबाद की क्राफ्ट कंसलटेंसी कंपनी को सर्वे का काम दिया गया। रिंग रोड का भौतिक सत्यापन होने के बाद करीब 700 करोड़ की लागत आकी गई। सर्वे होने पर यह बजट बढ़कर 760 करोड़ पहुंच गया। लोनिवि ने यह प्रस्ताव शासन को भेजा। हालांकि बड़ा प्रोजेक्ट होने की वजह से शासन ने इसे केंद्र पोषित योजना में रखने की बात कही। ताकि धनराशि उपलब्ध हो सके। जुलाई में एक वीडियो काफ्रेंसिंग के दौरान सीएम ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा प्रोजेक्ट को सैद्धातिक अनुमति मिल चुकी है। अब इसे केंद्र पोषित योजना में सहमति दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं लोनिवि अधिकारियों के मुताबिक 51 किमी लंबी रिंग रोड में दमुवाढूंगा के पास ब्यूरा नामक जगह पर लैंडस्लाइड का खतरा है। जिस वजह से 275 मीटर एलीवेटेड सड़क का निर्माण जरूरी है। साथ ही काठगोदाम में डबल लेन पुल, छोटे-मोटे अन्य बदलाव की संभावना भी है। जिस वजह से अब 240 करोड़ अतिरिक्त खर्च का अनुमान लगाया गया है। वहीं, लोनिवि के मुताबिक कंपनी की रिपोर्ट समीक्षा के बाद शासन को भेजी जाएगी। फिलहाल बदलाव की भी संभावना है।
प्रथम चरण में 208 करोड़ की दरकरार ¨रग रोड के प्रस्ताव को प्रथम चरण में 208 करोड़ चाहिए। प्रभावित लोगों को मुआवजा और लैंड ट्रांसफर में यह पैसा खर्च होगा। क्योंकि वनभूमि का हिस्सा भी अधिग्रहण में शामिल होगा। फॉरेस्ट एरिया से करीब बीस किमी सड़क निकलनी है। जिस वजह से वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया।
चार सेक्टर में विभाजित है रिंग रोड
सेक्टर एक : हल्द्वानी-कालाढूंगी रोड एवं हल्द्वानी-रुद्रपुर वाया टाडा राज्यमार्ग के मध्य से लामाचौड़-कमलुवागाजा-आनंदपुर मोड से गन्ना सेंटर।
सेक्टर दो : हल्द्वानी रुद्रपुर वाया टाडा व हल्द्वानी-बरेली हाईवे के मध्य से वाया मोटाहल्दू होते हुए।
सेक्टर तीन : हल्द्वानी-काठगोदाम, चोरगलिया मार्ग के मध्य मोटाहल्दू, गोरापड़ाव, तीनपानी से बाइपास होते हुए गौलापुल, खेड़ा होते हुए काठगोदाम तक।
सेक्टर चार : हल्द्वानी-कालाढूंगी राज्य मार्ग एवं हल्द्वानी-काठगोदाम सड़क के बीच व कालाढूंगी रोड से कठघरिया गुजरतेहुए आबादी के बाहर से फुटहिल के किनारे काठगोदाम में शीतला मंदिर तक। घोषणा के समय लागत 400 करोड़ अप्रैल 2017 में जब सीएम ने शहर के लिए रिंग रोड की घोषणा की थी, तब प्रोजेक्ट का शुरुआती आंकलन 400 करोड़ आंका गया था। 20 माह के भीतर बजट ढाई गुना बढ़ गया। यह भी पढ़ें : कड़ाके की ठंड में रोडवेज कर रहा यात्रियों के जीवन से खिलवाड़, जानिए कैसे
यह भी पढ़ें : ट्रैकिंग करने गए मुनस्यारी में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया
सेक्टर एक : हल्द्वानी-कालाढूंगी रोड एवं हल्द्वानी-रुद्रपुर वाया टाडा राज्यमार्ग के मध्य से लामाचौड़-कमलुवागाजा-आनंदपुर मोड से गन्ना सेंटर।
सेक्टर दो : हल्द्वानी रुद्रपुर वाया टाडा व हल्द्वानी-बरेली हाईवे के मध्य से वाया मोटाहल्दू होते हुए।
सेक्टर तीन : हल्द्वानी-काठगोदाम, चोरगलिया मार्ग के मध्य मोटाहल्दू, गोरापड़ाव, तीनपानी से बाइपास होते हुए गौलापुल, खेड़ा होते हुए काठगोदाम तक।
सेक्टर चार : हल्द्वानी-कालाढूंगी राज्य मार्ग एवं हल्द्वानी-काठगोदाम सड़क के बीच व कालाढूंगी रोड से कठघरिया गुजरतेहुए आबादी के बाहर से फुटहिल के किनारे काठगोदाम में शीतला मंदिर तक। घोषणा के समय लागत 400 करोड़ अप्रैल 2017 में जब सीएम ने शहर के लिए रिंग रोड की घोषणा की थी, तब प्रोजेक्ट का शुरुआती आंकलन 400 करोड़ आंका गया था। 20 माह के भीतर बजट ढाई गुना बढ़ गया। यह भी पढ़ें : कड़ाके की ठंड में रोडवेज कर रहा यात्रियों के जीवन से खिलवाड़, जानिए कैसे
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