Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

उत्‍तराखंड की जेलों से पैरोल पर छूटे 255 बदमाश फरार, अब पुलिस की मदद लेने जा रहा जेल प्रशासन

Uttarakhand News पिछले छह सालों में कुमाऊं की चारों जेलों से दो हजार से अधिक बंदियों व कैदियों को पैरोल दी गई। पैरोल पर छूटे 255 बदमाश अब भी फरार हैं। हत्या लूट और चोरी जैसे गंभीर मामलों में नामजद ये अपराधी जेल प्रशासन के नोटिस के बाद भी वापस नहीं लौटे हैं। अब जेल प्रशासन इन फरार बदमाशों की तलाश के लिए पुलिस की मदद लेने जा रहा है।

By Deep belwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 03 Oct 2024 02:10 PM (IST)
Hero Image
Uttarakhand News: पुलिस को फरार हुए बदमाशों की सूची सौंपी दी गई है। Concept Photo

दीप बेलवाल, जागरण  हल्द्वानी। Uttarakhand News: हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा व सितारगंज जेलों से पैरोल पर छूटे 255 बदमाश फरार हो गए हैं। जेल प्रशासन के नोटिस के बाद भी इनकी वापसी नहीं हुई है। बदमाशों की तलाश के लिए जेल प्रशासन अब पुलिस की मदद लेने जा रहा है। पुलिस को फरार हुए बदमाशों की सूची सौंपी दी गई है।

जेल प्रशासन के नियमों के अनुसार, बंदी व कैदी के पैरोल की अवधि एक महीने तक होती है, जबकि फरलो (लंबी सजा) के मामले में यह अधिकतम 14 दिन तक होती है। यह कैदी को किसी विशिष्ट कारण पर दिया जाता है। जैसे परिवार में मृत्यु या रक्त संबंधी की शादी। पैरोल की अनुमति राज्य सरकार व जिला मजिस्ट्रेट से मिलती है।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड से मानसून विदा, सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक रही वर्षा; अब मौसम शुष्क रहने के आसार

दो हजार से अधिक बंदियों व कैदियों को पैरोल दी गई

पिछले छह सालों में कुमाऊं की चारों जेलों से दो हजार से अधिक बंदियों व कैदियों को पैरोल दी गई, जिसमें अधिकांश की वापसी तय समय पर हो गई, लेकिन 255 बदमाश नहीं लौटे। फरार होने वालों में हत्या, लूट व चोरी जैसे गंभीर मामलों के आरोपित हैं।

बदमाशों के नहीं लौटने का मामला देहरादून मुख्यालय तक पहुंच चुका है। इसे लेकर अधिकारियों का रुख सख्त है। जेल प्रशासन के स्पष्ट निर्देश जारी हुए हैं कि वह फरार बदमाशों की सूची बनाकर पुलिस को सौंपे, ताकि उन्हें वापस लाया जा सके।

जेलों में बंदियों व कैदियों की संख्या

हल्द्वानी उपकारागार में 1400 से अधिक बंदी व कैदी हैं। नैनीताल जिला कारागार में 800 से अधिक व सितारगंज की सेंट्रल जेल में तकरीबन दो हजार से अधिक बंदी व कैदी बंद हैं। वहीं, अल्मोड़ा जेल में बंदियों व कैदियों की संख्या एक हजार के आसपास है।

यह भी पढ़ें-Navratri: मुस्लिम भक्त ने रखी थी मां दुर्गा के इस मंदिर की नींव, सच्चे मन से मांगी मुराद होती है पूरी; दिलचस्‍प कहानी

कोरोना काल से फरार हैं ज्यादातर बदमाश

वर्ष 2019-20 में कोरोना काल के समय संक्रमण के खतरे को देखते हुए अदालत के आदेश पर प्रदेशभर की जेलों से बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। उस समय इन बंदियों को तीन माह का समय दिया गया था, लेकिन बाद में समय बढ़ता चला गया। जेल प्रशासन ने पैरोल पर बंदियों को छोड़ दिया था। जेल अधिकारियों का दावा है कि अधिकांश बदमाश कोरोना काल में छोड़े थे, जो अब तक नहीं लौटे।

फरार बदमाशों का रिकार्ड

  • नैनीताल - 40
  • अल्मोड़ा - 50
  • ल्द्वानी - 85
  • सितारगंज - 80

(नोट : बदमाशों की संख्या पुलिस के अनुसार है)

जेल से पैरोल पर छूटने वाला बदमाश तय समय पर लौट आता है, जिनकी वापसी नहीं हुई है, उनकी लिस्ट तैयार कर पुलिस को सौंप दी है। इन्हें शीघ्र पकड़कर वापस लाया जाएगा। अधिकांश बदमाश कोरोना काल में पैरोल पर छूटे, जो वापस नहीं लौटे, यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है। -  दधिराम मौर्य, जेल डीआइजी

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें