सोशल मीडिया पर मुफ्त का प्रचार कर रहे 35 प्रतिशत यूजर्स, ट्रोल करने वाले भी पीछे नहीं
सोशल मीडिया पर यूजर्स के बीच सत्ता संग्राम जारी है। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वाट्सएप और फेसबुक पर किए जा रहे चुनावी दावों को चेक करने के लिए यूथ इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 06 Apr 2019 04:53 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : सोशल मीडिया पर यूजर्स के बीच सत्ता संग्राम जारी है। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वाट्सएप और फेसबुक पर किए जा रहे चुनावी दावों को चेक करने के लिए यूथ इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं। वाट्सएप पर राजनीतिक दलों की खूबियों और उनके काम को लेकर लंबी-लंबी लिस्ट आ रही है, जिसमें बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। एक पोस्ट वायरल होते ही यूजर्स के लाइक और कमेंट की बरसात हो रही है। इन्हें ट्रोल करने वाले भी मैदान में उतर रहे हैं। तुरंत उसकी खामियां बताते हुए एक-दूसरे की पोस्ट का खंडन करते मैसेज डाल रहे हैं। उत्तराखंड में फेसबुक और वाट्सएप के तकरीबन 10,06,639 यूजर्स हैं। इनमें से 35 प्रतिशत यूजर्स ऐसे हैं जो राजनीतिक दलों से जुड़े मैसेज पोस्ट कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो पार्टी विशेष के पक्ष में अपनी राय भी जाहिर कर रहे हैं।
सॉफ्टवेयर की मदद से फैक्ट चेक सोशल मीडिया में राजनीतिक दलों से संबंधित दावों और सूचनाओं की हकीकत जानने के लिए यूजर्स एलेक्स, स्टेटस और सोशलगेन, यूजर्स ट्रेंड जैसे सॉफ्टवेयर की मदद भी ले रहे हैं। जानकारों की माने तो मैसेज में छिपे कीवर्ड की मदद से इंटरनेट पर फैक्ट ढूंढे जाते हैं। खासकर अगर किसी मैसेज में अगर कोई तारीख दी जाती है तो यह और भी आसान हो जाता है। फेसबुक पर फैक्ट चेक करना आसान है। वाट्सएप ने भी चेकप्वाइंट टिपलाइन जारी किया है, जिसके नंबर 09643000888 पर संबंधित मैसेज को भेजकर उसकी सत्यता का पता लगाया जा सकता है।
पोस्ट को किया जाता है बूस्ट पॉलिटिक्स से संबंधित पोस्ट को बूस्ट करने के लिए राजनीतिक दलों की आइटी सेल पेड प्रमोशन का सहारा लेती है। फेसबुक, इंस्टाग्राम पर यह सुविधा उपलब्ध है। साथ ही कुछ फेक प्रोफाइल अकाउंट के जरिए भी यह कार्य किया जाता है। थर्ड पार्टी एप व प्लेटफार्म का सहारा भी लिया जाता है। इसके लिए एक से डेढ़ महीने का कैंपेन चलाया जाता है, जिसका खर्चा अमूमन 18-24 लाख तक आता है।
सेफ्टी बैरियर का करना चाहिए इस्तेमाल अंकुर चंद्रकांत, वरिष्ठ साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि सोशल मीडिया पर कई सेफ्टी बैरियर होते हैं, जो हमें नजर नहीं आते, लेकिन इनका इस्तेमाल कर हम अपने एकाउंट को सुरक्षित कर सकते हैं। वाट्सएप पर आने वाला नया फीचर बिना आपकी मर्जी से कोई आपको अपने ग्रुप में नहीं जोड़ पाएगा, इसी कड़ी में उठाया गया कदम है, जिससे यूजर्स को काफी सहूलियत होगी।
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