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Nainital News: नैनीताल में एनओसी के बिना हो रहा 69 होटलों का संचालन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिया नोटिस

एनजीटी ने मल्लीताल के व्यापारी विवेक वर्मा के शिकायती पत्र का स्वत संज्ञान लेती याचिका पर सुनवाई की थी। एनजीटी ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए टिप्पणी की थी कि अपने क्षेत्र के विस्तार के लिए होटल मालिक पेड़ों का अवैध कटान कर पर्यावरण व पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग की ओर से पर्यावरणीय मुआवजे की गणना और वसूली के अलावा दंडात्मक...

By kishore joshiEdited By: riya.pandeyUpdated: Sun, 03 Dec 2023 02:36 PM (IST)
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एनजीटी में दाखिल शपथपत्र से होटल संचालकों की मनमानी उजागर

किशोर जोशी, नैनीताल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर हुई जांच में शहर के अयारापाटा क्षेत्र में 45 पेड़ों के काटने के मामले की जांच में अवैध रूप से 28 पेड़ काटने की पुष्टि हो गई है। वन विभाग ने इसमें ढाई लाख का जुर्माना वसूला है। यही नहीं इन पेड़ों के बदले नारायण नगर क्षेत्र में 350 पौधे रोप दिए गए हैं।

जिलाधिकारी वंदना की ओर से एनजीटी में दाखिल शपथपत्र में इसका उल्लेख किया गया है। यहीं नहीं नैनीताल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी के बिना 69 होटलों का संचालन हो रहा है। जिनको अब पीसीबी की ओर से नोटिस दिए गए हैं।

नहीं की गई दंडात्मक कार्रवाई

दरअसल एनजीटी ने मल्लीताल के व्यापारी विवेक वर्मा के शिकायती पत्र का स्वत: संज्ञान लेती याचिका पर सुनवाई की थी। एनजीटी ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए टिप्पणी की थी कि अपने क्षेत्र के विस्तार के लिए होटल मालिक पेड़ों का अवैध कटान कर पर्यावरण व पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग की ओर से पर्यावरणीय मुआवजे की गणना और वसूली के अलावा दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।

वन विभाग की ओर से पेड़ों की कीमत की गणना तथा पेड़ों की लागत कम बताई है, जो अप्रत्यक्ष रूप से पेड़ों की कटाई को बढ़ावा दे सकता है। नैनीताल में बिना किसी पर्यावरणीय मंजूरी होटलों के संचालन पर भी पीसीबी से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी थी। एनजीटी ने झील में सीवरेज सीवेज जल छोड़ने को प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1974 के पर्यावरण नियमों का गंभीर उल्लंघन माना था।

इस मामले में जल संस्थान की ओर से बताया गया कि नैनीताल शहर की जल आपूर्ति 15 ट्यूबवेलों और 4 पंपिंग स्टेशनों के माध्यम से की जाती है। नैनी झील से पानी की सीधी निकासी नहीं की जाती है। होटलों एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर से पानी की अवैध निकासी नहीं की जाती है।

बिना पीसीबी की एनओसी के चल रहे 69 होटल

एनजीटी में डीएम वंदना की ओर से दाखिल शपथपत्र में 22 अगस्त को ली गई बैठक के कार्यवृत्त का उल्लेख किया गया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जिला प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में बताया गया है कि नैनीताल 258 होटल पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं। जिसमें से 140 होटलों ने पीसीबी से एनओसी प्राप्त की है जबकि नौ होटलों का संचालन नहीं होना पाया गया।

40 होम स्टे के लिए पीसीबी की एनओसी की जरूरत नहीं है जबकि 68 संचालित होटलों ने अब तक पीसीबी से पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया गया है। इन होटल संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एनजीटी ने नैनी झील में कचरा फेंकने व नालों में अतिक्रमण करने वालों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कई सख्ती के बाद शहर में बिना एनओसी संचालित होटलों को नोटिस थमाए गए हैं। जिससे होटल संचालकों में खलबली है।

नहीं बनाई शिकायत सेल 

एनजीटी के आदेश पर वन विभाग ने अब तक शिकायत सेल नहीं बनाई है। इसी सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने इस पर हैरानी जताई। वन विभाग की ओर से जुर्माना लगा दिया, लेकिन उसे जमा कहां किया, इसको लेकर सही तस्वीर सामने नहीं आ सकी। एनजीटी अब इस मामले में फरवरी में सुनवाई करेगा।

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