बीमारी से तंग आकर फंदे पर लटका युवक, फतेहपुर के जंगल में मिली लाश
बीमारी से परेशान होकर 21 साल के युवक ने फंदे पर लटककर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। उसका शव फतेहपुर के जंगल में पेड़ से लटका मिला।
By Edited By: Updated: Mon, 24 Dec 2018 07:12 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : बीमारी से परेशान होकर 21 साल के युवक ने फंदे पर लटककर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। उसका शव फतेहपुर के जंगल में पेड़ से लटका मिला। युवक के हाथ में बीमारी का जिक्र व परिजनों का मोबाइल नंबर भी लिखा था।
पुलिस के अनुसार भगवानपुर बिचला लामाचौड़ निवासी ललित मोहन आर्य पुत्र हरिराम आर्य बीफार्मा की पढ़ाई कर चुका था। गठिया रोग से पीड़ित होने की वजह से वर्तमान में उसका इलाज चल रहा था। शनिवार सुबह 11 बजे के करीब वह घर से सुशीला तिवारी अस्पताल जाने की बात कहकर निकला। चार बजे तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने संपर्क किया, पर बात नहीं हो सकी। अनहोनी की आशंका पर परिजन लामाचौड़ चौकी पहुंचे। जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। इस बीच ललित का फोन सर्विलांस पर लगाने पर लोकेशन फतेहपुर के जंगल में मिली। खोजबीन के दौरान पेड़ से लटका उसका शव भी मिल गया।
चौकी प्रभारी संजय जोशी ने बताया कि मृतक छह भाइयों में सबसे छोटा था। पोस्टर्माटम कराने के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। जिंदगी ने जीने नहीं दिया फंदे पर झूलने से पहले ललित ने मौत की वजह का जिक्र भी किया। पुलिस के अनुसार उसने लिखा था कि जीना बहुत चाहता था, लेकिन जिदंगी ने जीने नहीं दिया। आशंका है कि कम उम्र में बीमारी की चपेट में आने की वजह से वह डिप्रेशन में आ चुका था। पुलिस के मुताबिक घरवालों तक उसकी मौत की सूचना पहुंचे। इसलिए उसने हाथ पर फोन नंबर भी लिखा था।
पुलिस के अनुसार भगवानपुर बिचला लामाचौड़ निवासी ललित मोहन आर्य पुत्र हरिराम आर्य बीफार्मा की पढ़ाई कर चुका था। गठिया रोग से पीड़ित होने की वजह से वर्तमान में उसका इलाज चल रहा था। शनिवार सुबह 11 बजे के करीब वह घर से सुशीला तिवारी अस्पताल जाने की बात कहकर निकला। चार बजे तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने संपर्क किया, पर बात नहीं हो सकी। अनहोनी की आशंका पर परिजन लामाचौड़ चौकी पहुंचे। जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। इस बीच ललित का फोन सर्विलांस पर लगाने पर लोकेशन फतेहपुर के जंगल में मिली। खोजबीन के दौरान पेड़ से लटका उसका शव भी मिल गया।
चौकी प्रभारी संजय जोशी ने बताया कि मृतक छह भाइयों में सबसे छोटा था। पोस्टर्माटम कराने के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। जिंदगी ने जीने नहीं दिया फंदे पर झूलने से पहले ललित ने मौत की वजह का जिक्र भी किया। पुलिस के अनुसार उसने लिखा था कि जीना बहुत चाहता था, लेकिन जिदंगी ने जीने नहीं दिया। आशंका है कि कम उम्र में बीमारी की चपेट में आने की वजह से वह डिप्रेशन में आ चुका था। पुलिस के मुताबिक घरवालों तक उसकी मौत की सूचना पहुंचे। इसलिए उसने हाथ पर फोन नंबर भी लिखा था।
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