राशि के अनुसार जानिए धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त, जानें क्या है खास
इस बार सोमवार को धनतेरस होने से बहुत शुभकारी संयोग बन रहा है। सोमवार को धनतेरस सोम प्रदोष युक्त होगा, जो धन, आरोग्यता, आयु वृद्धि का कारक होगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 03 Nov 2018 08:03 PM (IST)
नैनीताल (जेएनएन) : सोमवार का दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इस बार सोमवार को धनतेरस होने से बहुत शुभकारी संयोग बन रहा है। सोमवार को कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और हस्त नक्षत्र होने के कारण धनतेरस सोम प्रदोष युक्त होगा, जो धन, आरोग्यता, आयु वृद्धि का कारक होगा।धनतेरस पर भगवान धनवंतरि के साथ ही धन की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी का पूजन और नई वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। खासकर अष्टधातु, रत्न, स्वर्ण आभूषण, चांदी की खरीदारी होती है। लक्ष्मी के साथ ही इस दिन शिव पूजन का विशेष फल मिलता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक, इस दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और सोम प्रदोष पड़ रहे हैं। सूर्योदय से लेकर रात 8:30 बजे तक हस्त नक्षत्र है। इसलिए यह धनतेरस काफी शुभ दिन पर पड़ रहा है। यह सभी के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
क्या है सोम प्रदोष योग : सोमवार हस्त नक्षत्र है। इस दिन भगवान शिव का पूजन किया जाता है। सोम प्रदोष काल में शिव का पूजन श्रेष्यकर माना जाता है। इस बार सोमवार को यह योग पड़ रहा है।
सायं 7.55 तक खरीदारी का मुहूर्त : धनतेरस पर सुबह 9.15 से शाम 7:55 तक खरीदारी की जा सकती है। दोपहर 12.30 बजे तक इसके लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त रहेगा। मध्याह्न 12.10 से 1.55 तक शुभ मुहूर्त है, जबकि 12.30 से सायं 3.20 तक शुभ-लाभ मुहूर्त है। सायं 7.55 बजे तक त्योहार की खरीदारी कर सकते हैं।
राशि अनुसार करें खरीदारी
मेष=स्वर्ण के आभूषण, लकड़ी के उपकरण, वस्त्र शुभ रहेंगे।वृष=चांदी के बर्तन, देव प्रतिमा, वाहन आदि खरीदना शुभ रहेगा।
मिथुन= तांबा, लकड़ी का सामान, रसोई का सामान शुभ रहेगा।कर्क= स्वर्ण, चांदी के आभूषण, गृह सज्जा का सामान शुभ।
सिंह= लोहे से बने मशीनी उपकरण, स्वर्ण, बिजली का सामान।कन्या= अन्न, रत्न, वाहन, भवन संबंधी उपकरण।
तुला=मांगलिक आभूषण, देव प्रतिमा, स्वर्ण, चांदी, बिजली उपकरण।वृश्चिक=स्वर्ण, तांबा, भूमि उपकरण, वाहन, सजावटी सामान।
धनु=स्वर्ण आभूषण, बर्तन, नए उपकरण, वस्त्र खरीदना शुभ रहेगा।मकर=वाहन, बिजली का सामान, चांदी व पीतल से बनी वस्तु।
कुंभ=देव प्रतिमा, वस्त्र, सजावट का सामान, रत्न माला।मीन= स्वर्ण आभूषण, काष्ठ मंदिर, फर्नीचर, औजार खरीदना शुभ रहेगा।सायंकाल पूजन मुहूर्त : सायं काल पूजन करने के लिए 6.10 से लेकर रात्रि 8.50 तक मुहूर्त है। सोम प्रदोष होने से यह शिव पूजन के लिए भी उत्तम योग है। अल्पमृत्यु के निवारण के लिए दक्षिण दिशा में यम देवता के निमित्त दीप दान करने से मृत्युभय नहीं रहता।यह भी पढ़ें : यहां मनोरंजन ही नहीं ज्ञान भी बढ़ा रही है रामलीलायह भी पढ़ें : दीपावली को देखते हुए मुख्य बाजार में वाहनों का प्रवेश हुआ प्रतिबंधित
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