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पर्याप्‍त सबूत न होने से फांसी की सजा से बचे अभियुक्‍त ने दुष्‍कर्म के बाद दो बच्चियों की कर दी थी हत्‍या

हाई कोर्ट ने ऋषिकेश में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म कर हत्या मामले में निचली कोर्ट से फांसी की सजा पाए अभियुक्त को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 08 Nov 2019 11:54 AM (IST)
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पर्याप्‍त सबूत न होने से फांसी की सजा से बचे अभियुक्‍त ने दुष्‍कर्म के बाद दो बच्चियों की कर दी थी हत्‍या
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने ऋषिकेश में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म कर हत्या मामले में निचली कोर्ट से फांसी की सजा पाए अभियुक्त को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। साथ ही इस मामले में जांच में हीलाहवाली करने पर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।

दरअसल जून 2017 में ऋषिकेश के श्यामपुर इलाके में पुलिस चौकी के समीप गुरुद्वारे के सेवादार ने दिन दहाड़े दो मासूम बहनों की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार गुरुद्वारे के भवन के पिछले हिस्से के कमरे में नेपाली मूल की सीता देवी तीन मासूम बच्चों मनीषा, नौ वर्षीय मिलन व तीन वर्षीय रिया के साथ रहती थी। सीता का पति सूरज दुराचार के मामले में सुद्धोवाला जेल में बंद है। घटना के दिन सीता देवी रोज की तरह सुबह काम पर चली गई। बेटा गुमानीवाला में ताई के घर गया था जब कमरे पर आया तो बाहर कुंडी लगी थी। भीतर देखा तो पलंग पर मनीषा व रिया बेसुध पड़ी थी। पड़ोसियों ने क्लीनिक से चिकित्सक को बुलाया तो दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस ने गुरुद्वारा के सेवादार परवान सिंह (50) पुत्र छोटे सिंह निवासी गुमानीवाला के गिरफ्तार किया। पिछले साल पॉक्सो कोर्ट ने परवान सिंह को हत्या व दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। फांसी की सजा की पुष्टिï के लिए हाई कोर्ट को रिफरेंस भेजा गया था। न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद दोषी करार परवान सिंह को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया

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