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एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने पीएम के लोकल को सपोर्ट किया, मुक्तेश्वर की महिला से बुनवाए स्वैटर

बधाई हो और पंगा फेम एक्‍ट्रेस नीना गुप्‍ता Neena (Gupta) लॉकडाउन के कारण दो महीने से मुक्‍तेश्‍वर में स्‍थि‍त अपने घर में फंसी हुई हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 15 May 2020 03:08 PM (IST)
एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने पीएम के लोकल को सपोर्ट किया, मुक्तेश्वर की महिला से बुनवाए स्वैटर
नैनीताल, जेएनएन : बधाई हो और पंगा फेम एक्‍ट्रेस नीना गुप्‍ता Neena (Gupta) लॉकडाउन के कारण दो महीने से मुक्‍तेश्‍वर में स्‍थि‍त अपने घर में फंसी हुई हैं। यहां वो कताबें पढने के साथ ही नेचर को एंज्‍वायर कर रही हैं। सोशल मीडि‍या पर भी वो खूब एक्‍टि‍व और अपने अनुभव साझा करने के ल‍िए फोटाे और वीडियो डाल रही हैं। हाल ही में उन्होंने दो नए वीडियो साझा किए हैं। जो काफी पसंद किए जा रहे हैं। पहली वीडियो उन्होंने पीएम मोदी के लोकल को सपोर्ट करते हुए बनाई है और दूसरी वीडियो आदतों के बदलने पर बनाई है।

मैंने गांव की महिला से बनवाए स्वैटर

नीना गुप्ता ने पीएम मोदी के लोकल कैंपेन को सपोर्ट करते हुए कहा कि मैंने अपने लिए दो स्वैटर बनवाए हैं। दोेनों स्वैटर मुक्तेश्वर की ही एक महिला से बनवाए हैं। नीना ने वीडियो में हरे और नारंगी रंग के स्वेटर दिखाए। उन्हाेंने कहा कि अपने हस्बैंड के लिए भी बनाने के ऑर्डर दिए हैं। हैंडमेड की बात ही कुछ और होती है। इसके लिए मैंने बनाने वाली लेडीए को एक हजार दिए हैं। इस समय जबकि पर्यटन से संबंधित सभी गतिविधियां ठप हैं ऐसे में लोगों की आमदनी खत्म हो गई है। ऐसे में क्याें न हम अपने जरूरत के अधिकतम सामान अपने आसपास के लोगों से ही लें। एेसा करने से उनकी जरूरत भी पूरी हो जाएगी और उनकी आर्थिक मदद भी हो जाएगी। उनके इस वीडियो को खूब पसंद किया जा रहा है और लोग अपील की तारीफ भी कर रहे हैं।

लॉकडाउन में मेरा वाला भूल जाओ

नीना का एक और वीडियो इन दिनों खूब हिट हो रहा है। जिसमें वो मेरा वाला भूल जाओ...मेरा वाला शैम्पू, मेरा वाला क्रीम, मेरी वाली ग्रीन टी। क्योंकि लॉकडाउन मेरा वाला यानी ब्रांडेड, स्पेशिफिक चीजें तो मिलने से रही। उन्होंने बताया कि मेरा शैम्पू खत्म हो रहा था तो मैंने उसमें पानी मिल लिया। जिसमें मेरे बाल तीन बार से अधिक शैंपू हो गए। ऐसे ही मेरा हैंडवाश खत्म हो रहा था, उसमें भी मैंने पानी मिला लिया जो अब एक सप्ताह से चल रहा है। बचत करके एक सीमा में रहना अब हम सीख गए हैं। ऐसी कोई मुश्किल नहीं है।

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