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कुमाऊंनी में हालचाल पूछा करती थी अदाकारा सुरेखा, बचपन में नैनीताल आती जाती रही

इदरीश ने कहा कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली 1986 में उनकी टीचर रही थी। उनके निर्देशन में लोवर डैथ नामक नाटक का मंचन किया था। अभिनय के प्रति वह जितनी सख्त थी बाकि समय उतनी ही मधुर भाषी भी।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 07:29 PM (IST)
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बचपन के दौरान वह नैनीताल आती जाती रही। अल्मोड़ा में वह रही हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : वो न केवल अभिनय की दुनिया की मुमताज थी बल्कि कुमाऊं अंचल से अथाह प्रेम करने वाली कुमाऊंनी भाषा के चंद लब्ज अपनी जुबां पर सजो कर रखती थी। जब भी मिलती थी तो आगै छै तू, कश हरेछै पहाड़ी भाषा में हालचाल पूछा करती थी।

यह कहना है मशहूर अभिनेत्री सुरेखा सीकरी के साथ अभिनय का गुर सीखने वाले नैनीताल के एक्टर इदरीश मलिक का। टीवी व फिल्म कलाकार सुरेखा के निधन पर गहरा दुख जताते हुए इदरीश ने कहा कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली 1986 में उनकी टीचर रही थी। उनके निर्देशन में लोवर डैथ नामक नाटक का मंचन किया था। अभिनय के प्रति वह जितनी सख्त थी, बाकि समय उतनी ही मधुर भाषी भी। उन्होंने 1992-93 में टीवी धारावाहिक बनेगी अपनी बात में उनके साथ अभिनय किया। तब से लेकर आज तक उनके संपर्क में बने रहे। जब भी उनसे बात होती थी तो वह पहले पहाड़ी भाषा में हालचाल पूछा करती थी। उन्होंने इदरीश को बताया था कि नैनीताल से वह भली भांति परिचित रही हैं और बचपन के दौरान वह नैनीताल आती जाती रही। अल्मोड़ा में वह रही हैं। नैनीताल के कई इलाकों के बारे में जिक्र किया करती थी।

थिएटर से टीवी धारावाहिकों के साथ रुपहले पर्दे पर अभिनय की गहरी छाप छोडऩे वाली सुरेखा का दिल्ली में थिएटर के दौरान जलवा हुआ करता था। उनकी अदायगी की भरपाई नामुमकिन है। दमदार अभिनय के बल पर बॉलीवुड में जगह पाने में जरा भी दिक्कत नहीं और कई अवार्ड हासिल कर अपनी अलग पहचान बनाई। इदरीश ने नैनीताल ओपन थिएटर के लिए उन्हे आमंत्रित किया था। इसके लिए उन्होने एक सप्ताह नैनीताल में रहने का वादा किया था, लेकिन इससे पहले वह दुनिया को अलविदा कह गई।

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