अब अंतिम संस्कार करने के लिए भी आधार जरूरी, पक्की रसीद के लिए परिजनों को देना होगा
मोबाइल सिम से लेकर पेंशन तक बगैर आधार कार्ड नहीं मिलती लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि मौत के बाद शव के अंतिम संस्कार के लिए घाट पर लकड़ी खरीदने पर भी इसकी जरूरत है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 07 May 2019 09:34 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : वर्तमान में आधार सबसे बड़ी पहचान के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। मोबाइल सिम से लेकर पेंशन तक बगैर आधार कार्ड नहीं मिलती, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि मौत के बाद शव के अंतिम संस्कार के लिए घाट पर लकड़ी खरीदने पर भी इसकी जरूरत है। अगर परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट बनाना है तो उन्हें सरकारी लकड़ी की रसीद तहसील में जमा करनी होगी। वन निगम रसीद तभी देता है, जब परिवार के लोग मृतक के आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करवाएंगे।
रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट को अंतिम संस्कार के लिए काफी पवित्र माना जाता है। रोजाना यहां करीब 40-50 लोगों की अंत्येष्टि की जाती है। हालांकि बारिश के दिनों में संख्या कम हो जाती है। वहीं, वन निगम ने चित्रशिला घाट पर शवदाह की लकडिय़ां उपलब्ध करवाने को टॉल बनाने के साथ कर्मचारी तैनात किए हैं। लालकुआं स्थित डिपो से लकड़ी मंगाकर यहां तौल के हिसाब से दी जाती है। वन निगम के आरएम एमपीएस रावत ने बताया कि जिन लोगों को मृत्यु प्रमाणपत्र बनाना होता है, आधार कार्ड सिर्फ उनसे मांगा जाता है। उसके बाद वन निगम लकड़ी का पूरा बिल बनाकर देता है। मृत्यु प्रमाणपत्र में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा न हो, इसके चलते यह नियम लागू किया गया है।
रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट को अंतिम संस्कार के लिए काफी पवित्र माना जाता है। रोजाना यहां करीब 40-50 लोगों की अंत्येष्टि की जाती है। हालांकि बारिश के दिनों में संख्या कम हो जाती है। वहीं, वन निगम ने चित्रशिला घाट पर शवदाह की लकडिय़ां उपलब्ध करवाने को टॉल बनाने के साथ कर्मचारी तैनात किए हैं। लालकुआं स्थित डिपो से लकड़ी मंगाकर यहां तौल के हिसाब से दी जाती है। वन निगम के आरएम एमपीएस रावत ने बताया कि जिन लोगों को मृत्यु प्रमाणपत्र बनाना होता है, आधार कार्ड सिर्फ उनसे मांगा जाता है। उसके बाद वन निगम लकड़ी का पूरा बिल बनाकर देता है। मृत्यु प्रमाणपत्र में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा न हो, इसके चलते यह नियम लागू किया गया है।
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