Nainital: इतिहास बनकर रह जाएंगे पैडल रिक्शे, आजादी के पहले से हो रहा है संचालन; नए नियम लागू होने के बाद मिट जाएगा अस्तित्व
ब्रिटिशराज में अंग्रेजों ने यातायात संसाधनों के तौर पर सबसे पहले शहर में हाथ के रिक्शों की शुरुआत की थी। 1942 में पैडल रिक्शों की शुरुआत हुई जो शहर की माल रोड में आवागमन का मुख्य साधन बने। पालिका की ओर से लाइसेंस प्राप्त 82 रिक्शों के संचालन के लिए अलग से नियम कायदे बनाए गए मगर वर्तमान जरुरतों को देखते हुए...
जागरण संवाददाता, नैनीताल। शहर की मालरोड की शान पैडल रिक्शे अब इतिहास बनकर रह जायेंगे। पालिका स्तर पर और नये दस ई-रिक्शा लाने की तैयारी की जा रही है। जिसके बाद शेष संचालित हो रहे 11 पैडल रिक्शे भी बंद कर दिये जायेंगे। नये ई-रिक्शा लाने की कवायद अंतिम चरणों में है। जल्द ही नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा।
ब्रिटिशराज में अंग्रेजों ने यातायात संसाधनों के तौर पर सबसे पहले शहर में हाथ के रिक्शों की शुरुआत की थी। 1942 में पैडल रिक्शों की शुरुआत हुई, जो शहर की मालरोड में आवागमन का मुख्य साधन बने। पालिका की ओर से लाइसेंस प्राप्त 82 रिक्शों के संचालन के लिए अलग से नियम कायदे बनाए गए मगर वर्तमान जरुरतों को देखते हुए 2016 में जनहित संस्था ने पैडल रिक्शों के स्थान पर ई-रिक्शा संचालन की मांग की।
करीब दो वर्ष पूर्व संस्था की मांग पर विचार करते हुए पालिका ने पांच ई-रिक्शा की शुरुआत की। ई-रिक्शों की संख्या बढ़ते हुए 14 पहुंची तो पैडल रिक्शों का संचालन कम होने लगा।
वर्तमान में 11 पैडल रिक्शा हैं संचालित
वर्तमान में 11 पैडल रिक्शा ही संचालित किये जा रहे है। अब इन रिक्शों को भी बंद कर ई-रिक्शा संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है।ईओ राहुल आनंद ने बताया कि डीएसए मैदान में क्लाइंबिंग वॉल के समीप रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट स्थापित कर दिया गया है। रिक्शा मालिक समिति पदाधिकारियों से वार्ता के बाद दस और ई-रिक्शे लाये जाने है। जिनके आने के बाद शेष 11 पैडल रिक्शों का संचालन भी बंद कर दिया जाएगा।
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