चिंताजनक : जहरीली हवा में घोंटा दम, तीन साल के मुकाबले इस गर्मी Haldwani में वायु प्रदूषण ज्यादा
Air pollution in Haldwani हल्द्वानी में प्रदूषण की मात्रा तेजी से बढ़ी है। वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण शहर की हवा ज्यादा जहरीली हो गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि तीन महीने में हल्द्वानी में वायू प्रदूषण 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ऊपर रही है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Air Pollution in Haldwani: गर्मियों में प्रदूषण की मात्रा हर साल बढ़ रही है। हल्द्वानी को कुमाऊं का प्रवेशद्वार कहा जाता है। पहाड़ जाने वाले सभी पर्यटक यहीं से गुजरते हैं। ऐसे में यहां भी प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के पिछले तीन साल के मुकाबले इस बार गर्मी के तीन महीनों में हल्द्वानी का प्रदूषण ज्यादा रहा।
21.38 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर ज्यादा प्रदूषण
2019 से तुलना करने पर इन बार तीन महीनों में प्रदूषण का औसत 21.38 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर ज्यादा देखने को मिला। तंग सड़कें और वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण भी वायु प्रदूषण में इजाफा देखने को मिला है।
वाहनों का धुआं ही प्रदूषण की मुख्य वजह
पीसीबी हर महीने प्रदूषण की निगरानी करने के साथ अपनी वेबसाइट पर भी आंकड़े दर्ज करता है। रुद्रपुर और काशीपुर में हल्द्वानी के मुकाबले प्रदूषण ज्यादा देखने को मिलता है। हालांकि, तराई के इन दो शहरों के मुकाबले हल्द्वानी में इंडस्ट्री जोन नहीं है। हल्द्वानी आरटीओ दफ्तर में ढाई लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत है। नए वाहनों के तौर पर हर साल 20 हजार से ज्यादा गाड़ियां यहां पंजीकृत होती हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि 2020 में कड़े लाकडाउन के कारण प्रदूषण दर काफी घट गई थी। उस दौरान बेहद सीमित संख्या में ही गाड़ियां सड़क पर उतरी थीं। इससे स्पष्ट है कि हल्द्वानी में वाहनों से निकलने वाला धुआं ही प्रदूषण की मुख्य वजह है।
ऐसे बढ़ा प्रदूषण
महीना - 2019 - 2020 - 2021 - 2022
अप्रैल - 107.43 - 68.56 - 110 - 115.55
मई - 107 - 92.01 - 84.51 - 113.51
जून - 108 - 106.32 - 98.8 - 114.72
नोट: प्रदूषण की यह मात्रा माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में दर्ज की गई है
हल्द्वानी के मुकाबले काशीपुर में बहुत ज्यादा प्रदूषण
जनवरी से जुलाई के बीच हल्द्वानी में प्रदूषण (Pollution in Haldwani) का औसत 109.73 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज हुआ है। जबकि रुद्रपुर में 126.20 और काशीपुर में आनाज मंडी वाले क्षेत्र में 147.26 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था। मानकों के अनुसार प्रदूषण की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक होना संवेदनशील श्रेणी में नहीं आता। ऐसे में बढ़ती दर को कम करने के लिए जन सहभागिता और ठोस प्लानिंग दोनों जरूरी है।
हल्द्वानी में कोई बड़े उद्योग स्थापित नहीं है। यहां वायु प्रदूषण की मुख्य वजह हर साल वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी है। पहाड़ जाने वाली सभी गाड़ियां भी हल्द्वानी होकर गुजरती हैं। जिस वजह से भी प्रदूषण बढ़ जाता है।
-डीके जोशी, क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीबी