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Almora Bus Accident: मौत सामने देख बेटी को बचाने बस से कूद गई थी मां, बेटे का छूट गया हाथ

Almora Bus Accident उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक दर्दनाक बस दुर्घटना में एक महिला ने अपनी बेटी को बचाने के लिए बस से छलांग लगा दी। हादसे में महिला के पति और बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। घायल महिला और उसकी बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।

By ganesh joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 07 Nov 2024 05:41 PM (IST)
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Almora Bus Accident: एंबुलेंस में बैठते ही एसटीएच के बाहर एक-दूसरे लिपटकर रोने लगे स्वजन। जागरण
गणेश जोशी, जागरण  हल्द्वानी। Almora Bus Accident: मौत सामने थी। बचने की उम्मीद नहीं दिख रही थी। फिर भी कुछ कोशिश करनी थी। बेटी को एक हाथ से कसकर सीने से दबा लिया। दूसरे हाथ से बेटे का हाथ पकड़कर खींचने लगी और खाई में पलटते हुए बस से कूद गई। इसके बाद क्या हुआ, कुछ भी नहीं पता।

डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय (एसटीएच) में भर्ती पौड़ी के बरात गांव निवासी प्रमिला को जब थोड़ा होश आया तो उन्होंने ये बातें अपने परिवार के लोगों को बताईं। यह सुनकर आसपास खड़े स्वजन आंसू नहीं रोक पाए। हृदय द्रवित हो उठा।

वहीं, पास में ही दूसरे बेड पर भर्ती सात वर्ष की बेटी अवनी गुमसुम सी थी। प्रमिला के पति दीपक रावत हरिद्वार में एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। साथ में बेटा भी था।

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मगर हादसे में पति की मौके पर ही मौत

दीपावली का त्योहार मनाने घर आए थे। हरिद्वार लौटने के लिए सभी रामनगर की बस में सवार थे, मगर हादसे में पति की मौके पर ही मौत हो गई। मां के हाथ से बेटे का हाथ भी हमेशा के लिए छूट गया और उसने भी घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। 27 वर्षीय प्रमिला गंभीर रूप से घायल हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी बुरी तरह फ्रैक्चर है। बस थोड़ा सिर इधर-उधर घुमाकर पास के ही बेड पर भर्ती बेटी अवनी की तरफ देख लेती हैं।

अवनी के हाथ और गर्दन में चोट है। वह गर्दन घुमा नहीं पाती। बुधवार अपराह्न दो बजे जब उसे और उसकी मां प्रमिला को एम्स ऋषिकेश ले जाया जा रहा था, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसकी नजरें दूसरे स्ट्रेचर पर लेटी मां की तरफ एकटक टिकी थीं। भीड़, अस्पताल, एंबुलेंस देख उछलकूद मचा देने की उम्र की अवनी अवाक थी।

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जब दोनों को एम्स के लिए एंबुलेंस में लेटाया गया तो उनके साथ आए स्वजन एक-दूसरे के गले लगकर फफक-फफक कर रो पड़े। यह गमगीन नजारा देख आसपास खड़े प्रशासनिक अधिकारी व अस्पतालकर्मी भी भावुक हो उठे। रामनगर से आए ताऊ सुरेंद्र सिंह रावत बताने लगे, यह हादसा बहुत बड़ा गम दे गया।

वैष्णवी के मदद को जुटे स्वजन व ग्रामीण

पौड़ी की ही बिरखेत निवासी 23 वर्षीय वैष्णवी के पिता की इसी हादसे में मौत हो गई। वह कृषि व प्रौद्योगिकी विवि पंतनगर से पीएचडी कर रही हैं। मां व देहरादून में पढ़ने वाला भाई पिता की अंत्येष्टि के लिए गांव में हैं। उनके स्वजन व गांव के लोग उसके इलाज के लिए जुटे हैं। उसे हौसला दे रहे हैं। बुधवार को वैष्णवी को भी एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया।

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