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MBBS करना चाहते हैं तो अल्मोड़ा से है गुड न्यूज, इस सत्र से हर साल 100 आवेदकों को होगा फायदा

मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में पिछले सप्ताह ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने निरीक्षण किया था। तभी उम्मीद जग गई थी कि इस बार मान्यता मिल जाएगी। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अभी पहली काउंसिलंग चल रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 25 Jan 2022 02:32 PM (IST)
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एनएमसी ने अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए मान्यता प्रदान कर दी है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नेशनल मेडिकल काउंसिल ने अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए मान्यता प्रदान कर दी है। इसी माह एनएमसी की टीम अल्मोड़ा का दौरा कर वापस लौटी थी। करीब आठ साल से अल्मोड़ा में कालेज निर्माणाधीन है। प्रदेश की लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। अब 100 छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे।

राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में पिछले सप्ताह ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने निरीक्षण किया था। तभी उम्मीद जग गई थी कि इस बार मान्यता मिल जाएगी। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अभी पहली काउंसिलंग चल रही है। दूसरी काउंसिलंग में राज्य कोटे की 85 सीटों पर प्रवेश होगा। 15 सीटों पर आल इंडिया कोटे से प्रवेश होंगे।

बांड की भी मिलेगी सुविधा

राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों को बांड की भी सुविधा मिलेगी। इस कालेज से अध्ययन करने पर सरकारी शुल्क देना होगा और पांच साल पर्वतीय क्षेत्रों में नौकरी करनी होगी।

2019 से शुरू हुआ था निरीक्षण

राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को एमबीबीएस की मान्यता के लिए वर्ष 2019 से निरीक्षण चल रहा है। पहले मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली की टीम ने निरीक्षण किया, लेकिन फैकल्टी की कमी और संसाधनों के अभाव के चलते मान्यता नहीं मिल सकी। शुरुआत में राजनीतिक इच्छाशक्ति की भी कमी दिखी।

विवादों से भी रहा है नाता

मेडिकल कालेज में निर्माण से लेकर प्राचार्य व एक कैबिनेट मंत्री के बीच विवाद भी हुआ। इसके अलावा ठेकेदार, निर्माण एजेंसी की लापरवाही को लेकर विवाद होते रहे। प्रचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मेडिकल कालेज को शुरू कराने के लिए लेटर आफ इंटेंट प्राप्त हो गया है। जल्द ही लेटर आफ परमिशन भी मिल जाएगा। इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह कुमाऊं ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है।

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