Move to Jagran APP

लद्दाख की घटना को लेकर चीन सीमा से लगे गांवों में आक्रोश, यह 1962 नहीं, 2020 का भारत

लद्दाख में चीन की करतूत को लेकर कुमाऊं के चीन सीमा से लगे गांवों के ग्रामीणों में आक्रोश है। चीन सीमा से लगे गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि चीन हमेशा धोखे से ही हरकत करता आया है

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 18 Jun 2020 07:58 PM (IST)
Hero Image
लद्दाख की घटना को लेकर चीन सीमा से लगे गांवों में आक्रोश, यह 1962 नहीं, 2020 का भारत

पिथौरागढ़, जेएनएन : लद्दाख में चीन की करतूत को लेकर कुमाऊं के चीन सीमा से लगे गांवों के ग्रामीणों में आक्रोश है। चीन सीमा से लगे गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि चीन हमेशा धोखे से ही हरकत करता आया है। चीन की धोखेबाजी को सब समझ चुके हैं। अब यह वर्ष 1962 का नहीं 2020 का भारत है। वर्ष 1962 में चीन का चाल-चरित्र सबने देखा है। अब नेपाल के कंधों पर बंदूक रख कर भारत के हिस्से को लेकर नेपाल को भड़का रहा है। यह सब नहीं होने दिया जाएगा।

चीन की हरकतों पर चीन सीमा से लगे गुंजी, गब्र्यांग, कुटी, नाबी, नपलच्यू, रोंगकोंग के युवा ग्रामीण खासे नाराज हैं। लद्दाख में हुई घटना पर रोष जताते हुए ग्रामीण कहते हैं कि सीमा पर रहने वाले सीमा प्रहरी देश की रक्षा के लिए हर पल तैयार हैं। वर्ष 1962 में यहां के ग्रामीणों ने सेना के लिए 110 किमी मार्ग पर गोला बारूद अपनी पीठ पर ढोया था। 2020 की युवा पीढ़ी देश की सुरक्षा के लिए तैयार है।

समाज सेवी रिया दरियाल ने कहा कि चीन, नेपाल दोनों सीमा पर जिस तरह का कुचक्र रच रहे हैं उसे सब समझ रहे हैं। जिस तरह से कालापानी, लिपूलेख को आज नेपाल चीन के इशारे पर अपना बता रहा है इससे हास्यास्पद कुछ नहीं होगा। कोई मां बिना जन्म दिए ही किसी के पाले पोसे बेटे को अपना नहीं कह सकती है। चीन की करतूतों से हम डरने वाले नहीं हैं।

हरीश कुमार गुंज्याल, ग्रामीण, गुंजी ने बताया कि चीन की हरकतें सभी जानते हैं। भारत की भूमि पर नेपाल के माध्यम से विवाद पैदा कर चीन जो करना चाहता है उसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। लद्दाख में चीन ने जो किया वह अति निंदनीय है। सीमा की रक्षा के लिए हम ग्रामीण हर पल तैयार हैं।

योगेश गब्र्याल, निवासी गब्र्यांग ने बताया कि हमारी सीमा सुरक्षित है। चीन की हर चाल विफल होगी। लद्दाख जैसी घटना को अंजाम देने वाला चीन अपने ही जाल मेंं फंसेगा। नेपाल के कंधे में बंदूक रख कर चीन जो कर रहा है वह सफल नहीं होने दिया जाएगा। सीमा पर स्थित गांवों के ग्रामीण सजग हंैं सतर्क हैं। सीमा की सुरक्षा उनका दायित्व है। देश सेवा के लिए प्रतिपल तैयार हैं।

नाबी गांव के मनोज नबियाल ने कहा कि ग्रामीण देश के सीमा प्रहरी की भूमिका में हैं। चीन की हर चाल को समझते हैं। लद्दाख में चीन ने जो किया है वह निकृष्ट घटना है। आज हमारे क्षेत्र सड़क से जुड़ गया है। सीमा पर रहने वाला हर ग्रामीण सीमा प्रहरी है। देश की रक्षा के लिए अपने पूर्वजों की परंपरा का निर्वहन करना अपना कर्तव्य समझता है। हमारी सीमा सुरक्षित है।

कृष्णा गब्र्याल, पूर्व अध्यक्ष रं कल्याण संस्था ने बताया कि देश की चीन से लगी सीमा सुरक्षित है। चीन की हर चाल बेकार साबित होगी । नेपाल को मोहरा बना कर जो कर रहा है उसे ग्रामीण समझते हैं। देश की रक्षा की रक्षा के लिए सीमा पर रहने वाला हर ग्रामीण सैनिक है। अपनी सेना के साथ खड़ा है। चीन कोई भी करतूत करे वह सफल नहीं होगी। लद्दाख मेंं हमारे जवानों के साथ जो हुआ है वह अति कष्टकारी है।

चीन सीमा से लगे प्रतिबंधित क्षेत्र में अब बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक, सिर्फ स्थानीय लोगों को अनुमति 

विवादों के बीच नेपाल ने चला नया पैंतरा, भारत के ग्रामीणों को दे रहा नागरिकता का न्यौता 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।