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अंडर-23 वूमेन क्रिकेट खेलेगी हल्द्वानी की 16 साल की अंजलि गोस्‍वामी

प्रतिभा के बूते हल्द्वानी की अंजलि गोस्वामी ने 16 साल की छोटी उम्र में उत्तराखंड वूमेन-23 क्रिकेट टीम में जगह बनाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 14 Jan 2019 07:06 PM (IST)
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अंडर-23 वूमेन क्रिकेट खेलेगी हल्द्वानी की 16 साल की अंजलि गोस्‍वामी

हल्द्वानी, गणेश पांडे : प्रतिभा के बूते हल्द्वानी की अंजलि गोस्वामी ने 16 साल की छोटी उम्र में उत्तराखंड वूमेन-23 क्रिकेट टीम में जगह बनाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अपने हुनर व शानदार खेल की बदौलत अंजलि इस मुकाम तक पहुंची है।

कुसुमखेड़ा निवासी अंजलि डीएवी स्कूल में कक्षा दस की छात्रा है। पिता तारा पुरी गोस्वामी आर्मी में कार्यरत हैं। आर्मी मैन की बेटी अंजलि सेना के जवान की तरह बुलंद हौसला व दृढ़ इच्छाशक्ति रखती है। हल्द्वानी स्पोट्र्स स्टेडियम में अंजलि पुरुष खिलाडिय़ों के साथ प्रैक्टिस करती हैं। छह माह की प्रैक्टिस के बाद ही अंजलि अपने से बड़े उम्र के लड़कों के साथ अभ्यास करने लगी। कड़ी मेहनत की बदौलत अंजलि ओपनर बल्लेबाज के तौर पर उभरी। वह स्पिन गेंदबाजी भी करती हैं।

एक गेंद में भांप ली थी प्रतिभा

तीन साल पहले अंजलि अपनी मां के साथ कोच संजीव पंत के पास पहुंची थी। इकलौती लड़की कैसे प्रेक्टिस करेगी? अपने से बड़े लड़कों के साथ कैसे खेलेगी? यह सोचकर पंत ने अंजलि को कोचिंग देने से मना कर दिया। मां-बेटी जिद करते रहे। तब पंत ने अंजलि की तरफ एक गेंद फेंकी तो उसके खेलने के अंदाज से पंत प्रभावित हुए और अंजलि को कोचिंग देने का फैसला लिया। मां ने हमेशा अंजलि को प्रेरित किया। अंजलि का छोटा भाई भी संजीव पंत से कोचिंग ले रहा है।

ऐसा टैलेंट बिरले लोगों में होता है : कोच

अंजलि के कोच संजीव पंत लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ, आरपी सिंह, शशिकांड खांडेकर, गोपाल शर्मा, आशीष जेदी आदि को कोचिंग दे चुके हैं। जून में रिटायर्ड होने जा रहे पंत बताते हैं कि अपने कॅरियर में उन्होंने किसी महिला खिलाड़ी के भीतर अंजलि के बराबर टैलेंट नहीं देखा। कहते हैं भाग्य साथ दे तो अंजलि देश के लिए खेलेंगी, टेलेंट में कोई कमी नहीं है।

यूपी को बना चुकी है चैंपियन

पिछले साल अंजलि ने उत्तर प्रदेश से अंडर-16 खेलते हुए फाइनल में शतक जमाया था। इसकी बदौलत यूपी चैंपियन रही। अंजलि ने टूर्नामेंट में तीन मैच में 178 रन बनाए। दो मैच में नॉट आउट रही। पिछले दिनों उत्तराखंड से अंडर-19 टी-20 खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया।

छोटे बच्चों के साथ करानी पड़ी प्रैक्टिस

अपने से बड़े खिलाडिय़ों के साथ खेलने वाली अंजलि तेज गेंदबाजों को अच्छे से खेलती हैं। हल्की गेंदों को भी बेहतर खेल सके, इसके लिए छोटे बच्चों के साथ भी उसे अभ्यास कराया गया।

तारा को भी मिली जगह

कालाढूंगी निवासी तारा बिष्ट भी उत्तराखंड वूमेन टीम में जगह बनाने में कामयाब रही। हिमालय क्रिकेट एकेडमी में दान सिंह कन्याल से कोचिंग लेने वाली तारा दांए हाथ की मध्यम गति की गेंदबाज व मध्यम क्रम की बल्लेबाज हैं। महिला डिग्री कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई करने वाली तारा युनिवर्सिटी नॉर्थ जोन टूर्नामेंट खेल चुकी हैं। तारा ने छोटी उम्र में कालोनी के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। कोच दान सिंह कन्याल ने बताया कि तारा की फिल्डिंग काफी मजबूत है। प्लेइंग इलेवन मेंं जगह मिलने पर वह शानदार खेल का प्रदर्शन करेंगी। तारा के पिता दलीप सिंह आर्मी रिटायर्ड, मां शीला देवी गृहिणी हैं।

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