Anjali Murder Case : फेसबुक पर प्यार, लेकिन शादी के दबाव में यामीन ने रेत दिया अंजली का गला
Anjali Murder Case नैनीताल जिले के मोटाहल्दू निवासी अंजली हत्याकांड ने लोगों को सकते में ला दिया है। मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित यामीन के साथ उसके दोस्त को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों से पूछताछ में कई सनसनीखेज बातें निकलकर सामने आई हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 28 Aug 2022 08:43 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Anjali Murder Case : नैनीताल जिले के माेटाहल्दू निवासी अंजली हत्याकांड ने हर किसी काे झकझोर कर रख दिया है। तीन अगस्त को लापता हुई मोटाहल्दू के खडकपुर निवासी अंजली का शव शनिवार को किच्छा से सटे शहदौरा के जंगल से बरामद हुआ है। चाकू से गला रेत उसकी हत्या की गई थी। घटना का मुख्य आरोपित किच्छा बरा निवासी यामीन और उसके एक दोस्त काे पुलिस ने हिरासत में लिया है।
अंजली हत्याकांड से जुड़ी अहम बातें
फेसबुक पर हुई थी दोस्ती
पुलिस के अनुसार अंजली और यामीन की दोस्ती फेसबुक के जरिये हुई थी। बातचीत के दौरान दोनों में करीबियां बढ़ती गईं। उसके बाद अंजली यामीन पर शादी का दबाव बनाने लगी। यह बात यामीन को नागवार गुजरी। जिसके बाद यामीन ने उसकी हत्या का प्लान बनाया।
बुलेट से अंजली जंगल ले गया यामीन
यामीन ने तीन अगस्त को अंजली को किच्छा बुला लिया। उसके बाद अपने बचपन के साथी बरा निवासी सचिन सक्सेना और अंजली को बुलेट से लेकर शहदौरा फारेस्ट चौकी से सटे जंगल किनारे पहुंचा। पुलिस का कहना है कि यामीन ने सचिन को जंगल के बाहर उतार दिया।जंगल में ले जाकर गला रेता
यामीन अंजली को जंगल में आधा किमी अंदर ले गया। जहां उसका चाकू से गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। जंगल से बाहर आने के बाद उसने सचिन को सारा किस्सा बता दिया। लेकिन पुलिस को सूचना देने की बजाय सचिन ने चुप्पी साध ली। उसके बाद दोनों ने बैगुल डैम पहुंचकर खून से सने कपड़े धोए।
24 दिन बाद शव बरामद
घटना के 24 दिन बाद 27 अगस्त यानी शनिवार को ऊधमसिंह नगर पुलिस की मदद से नैनीताल पुलिस ने शव को जंगल से बरामद करने के साथ दोनों आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन उसकी लाश को तलाशने में नैनीताल पुलिस को 24 दिन लग गए। इसमें भी ऊधम सिंह नगर पुलिस के अलावा जंगल के एक वन गुर्जर की भूमिका अहम रही।पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
अंजली हत्याकांड को अंजाम देने वाली यामीन जंगल में घटनास्थल को भूलने का बहाना बना रहा था। इस बीच वन गुर्जर ने उसे पहचानते हुए कहा कि मैंने इसे पहले जंगल में देखा है। फिर वो पुलिस को उस जगह लेकर गया, जहां यामीन उसे नजर आया था। तब जाकर पुलिस लाश तक पहुंची। देरी पुलिस की सक्रियता और कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है।
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