Haldwani Update: यहां भी 'बनभूलपुरा', 1002 परिवारों ने किया अतिक्रमण; दस-दस रुपये के स्टांप में बिक रही वन विभाग की जमीन
रामनगर मुख्य शहर से लगा हुआ है पूछड़ी। इसका कुछ हिस्सा नगरपालिका तो कुछ गांव में है। करीब 800 बीघा पक्की राजस्व भूमि वाले इस इलाके में स्थानीय के साथ-साथ बाहर से आकर भी लोग बसने लगे। धीरे-धीरे आबादी का विस्तार होता गया और लोगों ने इससे सटे तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वन क्षेत्र में भी कब्जा शुरू कर दिया।
दस-दस के स्टांप पेपर में बिकती गई जमीन
पहले इस क्षेत्र में बसासत कम थी। 2005 के बाद इस क्षेत्र में बाहर से लोग आना शुरू हुए। राजस्व भूमि में जो लोग रहते थे, उनमें से कई ने बाहरी मुस्लिम लोगों को जमीन बेचना शुरू कर दिया। वन क्षेत्र में भी जमीनें दस-दस रुपये के स्टांप में बाहरी लोगों को बेच दी गईं। पूछड़ी में फौजी कालोनी को रहमतनगर बना दिया गया है। - अर्जुन सिंह रावत, पूर्व प्रधान पूछड़ी ग्राम
वन विभाग के रिकार्ड में पूछड़ी क्षेत्र में 1002 परिवार अतिक्रमणकारी है। दस-दस रुपये के स्टांप पेपर में यह वन भूमि बेची गई है। अब तक दो बार नोटिस भेजकर वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों से पूछा है कि उनके पास जमीन कहां से आई है। जमीन के प्रपत्र दिखाने के लिए नोटिस भी भेजे जा चुके हैं। साथ ही ऊर्जा निगम से भी पूछा गया है कि वन क्षेत्र में काबिज लोगों को किस आधार पर कनेक्शन दिए गए हैं। विभाग अब फिर से कार्रवाई करेगा। - प्रकाश चंद्र, डीएफओ, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, रामनगर
वन क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए वन विभाग भी दोषी है। बाहरी लोग उस क्षेत्र में आकर बस गए हैं। पूछड़ी क्षेत्र में बाहर से आकर बसे लोगों की सख्ती से जांच होनी चाहिए। यदि लोग कह रहे हैं कि फौजी कालोनी को रहमतनगर का नाम दिया गया है, तो इसकी जानकारी ली जाएगी। - दीवान सिंह बिष्ट, विधायक रामनगर
अभी कोई नए कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। पहले कनेक्शन किस आधार पर दिए गए हैं, इसकी जांच की जाएगी। यदि वन विभाग हमें नोटिस देगा तो जांच कराकर कनेक्शन हटवा लिया जाएगा। - उमाकांत चतुर्वेदी, ईई ऊर्जा निगम रामनगर