उत्तराखंड का एक और लाल जम्मू-कश्मीर में शहीद, दो दिन में तीसरी शहादत से गमगीन हुई देवभूमि
जम्मू कश्मीर में सीमा पर देश की सुरक्षा करते हुए उत्तराखंड का एक और लाल शहीद हो गया। अल्मोड़ा जिले के जांबाज ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 03 May 2020 09:36 PM (IST)
अल्मोड़ा, जेएनएन : जम्मू कश्मीर में सीमा पर देश की सुरक्षा करते हुए उत्तराखंड का एक और लाल शहीद हो गया। अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लॉक मिरगांव (ध्याड़ी) के जांबाज ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। शहादत की खबर से उसके परिवार में कोहराम मच गया। पूरा गांव शोक में डूब गया है । देश की अखंडता की रक्षा करते हुए दो दिनों के अंदर उत्तराखंड के तीसरे जवान ने शहादत दी है। बता दें कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के दो जवान शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में शहीद हो गए थे।
इकलौता बेटा था दिनेश अल्मोड़ा जिले के सुदूर मिरगांव निवासी गोधन सिंह गैड़ा भारतीय सेना में रहकर देशसेवा कर चुके हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर इकलौता बेटा दिनेश सिंह (25) भी करीब पांच वर्ष पूर्व भारतीय फौज में भर्ती हुआ था। जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में बीते शनिवार को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के साथ मुठभेड़ में जांबाज लांस नायक दिनेश ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। सूत्रों के अनुसार लांस नायक आतंकियों से मोर्चा लेता रहा और लापता हो गया। सर्च ऑपरेशन के बाद रविवार को उसके शहादत का समाचार आया।
बोले लोग- याद रहेगा बलिदान जांबाज सिपाही दिनेश सिंह की शहादत पर विभिन्न सियासी व सामाजिक संगठनों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। विस उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, उपनेता करन सिंह माहरा, विधायक जागेश्वर गोविंद सिंह कुंजवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीतांबर पांडे, पूर्व डीसीबी चेयरमैन प्रशांत भैसोड़ा, मदन सिंह भैसोड़ा, सुभाष पांडे आदि ने वीर सपूत को नमन किया।
शुक्रवार को शहीद हो गए थे दो जवान शुक्रवार को पाकिस्तान ने बारामूला जिले के उरी सेक्टर में फायरिंग की। भारतीय सेना के जवानों ने इसका मुंहतोड़ जबाव दिया। पाक फायरिंग में चार सैनिक घायल हो गए थे। घायलों को सेना ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर सायं इलाज के दौरान दो सैनिकों ने दम तोड़ दिया। दोनों शहीद जवान पिथौरागढ़ जिले के हैं। 21 कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात गंगोलीहाट के नाली गांव निवासी 30 वर्षीय शंकर सिंह मौरा और मुनस्यारी के नापड़ गांव निवासी 40 वर्षीय हवलदार गोकर्ण सिंह चुफाल शामिल हैं। गोकर्ण सिंह चुफाल कारगिल युद्ध 1999 में थल के गोचर में सेना की कुमाऊं रेजीमेंट की 21 बटालियन में भर्ती हुआ था। दोनों जवानों जवानों का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंच चुका है।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अल्मोड़ा निवासी लांसनायक दिनेश सिंह सहित सहित अन्य सैन्य अधिकारियों व जवानों की शहादत को नमन किया है। उन्होंने कहा कि देश रक्षा के लिए हमारे जवानों ने सर्वोच्च बलिदान किया है। हमें इनकी शहादत पर गर्व है। ईश्वर उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा शहीद के परिजनों के साथ है।
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