जागेश्वरधाम मंदिर में जूते पहन कर पहुंच गई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग टीम nainital news
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) के अधिकारी शनिवार को जूते पहनकर ज्योतिर्लिंग जागेश्वरधाम मंदिर में प्रवेश कर गए।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 08 Dec 2019 07:52 PM (IST)
जागेश्वरधाम (अल्मोड़ा) जेएनएन : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) के अधिकारी शनिवार को जूते पहनकर ज्योतिर्लिंग जागेश्वरधाम मंदिर में प्रवेश कर गए। अधिकारियों की इस करतूत पर पुजारी भड़क उठे और उन्होंने इसे ज्योर्लिंग का अपमान करार देते हुए नियम व मान्यताओं का उल्लंघन बताया। पुजारियों का आरोप है कि जूते पहन कर मंदिर में प्रवेश करने पर जब आपत्ति जताई तो एएसआई अधीक्षक भड़क उठे और उन्होंने ठंड से बचने को जलाकर रखी गई अंगीठी उठा कर नदी में फेंक दी।
पुजारियों ने ऐतराज जताया तो बिफर पड़े अधिकारी मंदिरों के संरक्षण व रखरखाव का जिम्मा संभाले एएसआइ के अधिकारी जागेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित मंदिर समूहों में जूते पहन कर पहुंच गए। पुजारियों के अनुसार अधीक्षक एएसआइ राजकुमार पटेल मातहतों के साथ देहरादून से जागेश्वर धाम में चल रहे पुनरोद्धार कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान पुजारीगण मंदिर समूह के प्रांगण में अंगीठी जलाकर बैठे थे। आरोप है कि अधीक्षक के अपनी टीम के साथ मंदिर में जूते उतारे बगैर सीधे पहुंचने पर पुजारियों ने एतराज जताया तो अधीक्षक पटेल उल्टा उन्हीं पर बिफर गए। यही नहीं पंडितों के साथ अभद्रता करने के बाद उन्हें मंदिर से हटाने की धमकी तक दे डाली। पुजारियों ने बताया कि बारी वाले पुजारियों को छोड़ शेष पंडितों से मंदिर से बाहर जाने को कह दिया गया। साथ ही आग सेंकने को रखी अंगीठी जटागंगा नदी में फेंक दी गई। इस मामले में जानकारी के लिए अधीक्षक एएसआइ राजकुमार पटेल से संपर्क साधा गया मगर फोन नहीं उठा।
सीसीटीवी में कैद हैं जूते पहने अफसर पुजारियों ने कहा कि अधीक्षक एएसआइ पटेल व उनके मातहतों के मंदिर समूह में जूते पहन कर प्रवेश तथा धमकाने का मामला वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है।
पुजारी बोले- धार्मिक मामलों में दखल न दे एएसआइ जूते पहन कर प्रवेश का मामला तूल पकड़ रहा है। शनिवार को पुजारियों ने बैठक कर साफ कहा कि एएसआइ मंदिर समूह की मर्यादा का पालन करे। साथ ही धार्मिक कार्यों व पुजारियों के बैठने आदि पर दखल नहीं देना चाहिए। इस मौके पर मुख्य पुजारी पं. हेमंत भट्ट, पुरोहित पं. भगवान भट्ट, पुजारी प्रतिनिधि पं. गोपाल पंडा, पं. लक्ष्मीदत्त भट्ट, पं. रमेश चंद्र भट्ट, पं. कमल भट्ट, पं. तारा दत्त भट्ट, पं. कौश्तुवानंद भट्ट, पं. गिरीश चंद्र भट्ट, पं. रोहित भट्ट आदि मौजूद रहे।
ये है नियम
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- जूते मंदिर समूह से 20 मीटर की दूरी पर टिनशेड के नीचे उतारने होते हैं
- सर्दियों में वीवीआइपी, बड़े साधु संत महंतों को ठंड से बचने को कपड़े के मोजे (फाइबरयुक्त) उपलब्ध कराए जाते हैं।