अमेरिका व रूस में पूर्व राजदूत रहे अशोक ने कहा, पहली बार विदेश नीति के मामले में हो रहे ठाेस निर्णय
अमेरिका रूस स्वीडन में भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार का कहना है कि अमेरिका चीन के बीच ट्रेड वार के बीच भारतीय विदेश नीति के समक्ष संतुलन बैठाने की चुनौती बढ़ी है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 09 Nov 2019 09:41 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : अमेरिका, रूस, स्वीडन में भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार का कहना है कि अमेरिका, चीन के बीच ट्रेड वार के बीच भारतीय विदेश नीति के समक्ष संतुलन बैठाने की चुनौती बढ़ी है, मगर पहली बार विदेश नीति के मामले में निडर होकर निर्णय लिए जा रहे हैं। यह सत्तासीन सरकार की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि चीन का पाकिस्तान के प्रति बढ़ता समर्थन, सीमा पर बढ़ता दखल, भारत की अंदरूनी आर्थिक स्थिति के बीच विदेश नीति में सरकार का परफार्मेंस बेहतर है। वहीं रूस के साथ देश के संबंधों में पिछले तीन साल में नई ऊर्जा आई है।
शुक्रवार को नैनीताल के हरमिटेज भवन में सेमिनार में पहुंचे पूर्व राजदूत अशोक ने कहा कि कश्मीर मामले में पाकिस्तान को संयुक्त राष्टï्र से लेकर अन्य अंतरराष्टï्रीय मंचों पर समर्थन नहीं मिला। सुरक्षा परिषद से लेकर संयुक्त राष्टï्र आमसभा में भी पाकिस्तान की किरकिरी हुई। मलेशिया, तुर्की जैसे देशों ने कश्मीर पर बात की मगर भारत ने दोनों देशों से व्यापार कम कर साफ जता दिया कि देश की संप्रभुता के साथ समझौता नहीं होगा। रूस के साथ देश के संबंधों में पिछले तीन साल में नई गर्माहट व ऊर्जा आई है। रूस भारत का स्वाभाविक सहयोगी है, चीन की विस्तारवादी नीति से रूस भी परेशान है। अमेरिका के साथ रक्षा और व्यापार क्षेत्र संबंध बहुत मधुर हुए हैं, अमेरिका को भी चीन से मुकाबला करना है। चीन के साथ भारत सरकार ने संतुलन वाली विदेश नीति अपनाई है। हाल ही में अनुच्छेद-370 के खात्मे के बाद नया नक्शे को लेकर चीन की आपत्तियों का भारत सरकार द्वारा कड़ाई से जवाब दिया। कश्मीर मामले के अंतरराष्ट्रीयकरण करने में पाकिस्तान की विफलता ही भारतीय विदेश नीति की सबसे बड़ी सफलता है।
करतारपुर कॉरिडोर खोलना बड़ा खतरा
रक्षा विशेषज्ञ ले.जनरल सेवानिवृत्त एमसी भंडारी का कहना है कि पाकिस्तान का करतारपुर कॉरिडोर खोलना भारत के लिए बड़ा खतरा है। सामरिक दृष्टि से यह कदम आ बैल मुझे मार वाली कहावत चरितार्थ करता है।यह भी पढ़ें : पिथौरागढ उपचुनाव में राष्ट्रीय दलों के संगठन की होगी परीक्षा, दोनों के अपने-अपने दावे
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