राजनीति में ज्योतिष : भाजपा ने तीन-तेरह के योग में खोले प्रत्याशियों के नाम
राजनीतिक गलियारों में चर्चा भले कुछ भी हो लेकिन राजनीति व ज्योतिष के जानकारों की मानें तो देश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अति सूझबूझ के साथ प्रत्याशियों के एलान का वक्त चुना।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 23 Mar 2019 07:05 PM (IST)
गणेश पांडे, हल्द्वानी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा भले कुछ भी हो, लेकिन राजनीति व ज्योतिष के जानकारों की मानें तो देश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अति सूझबूझ के साथ प्रत्याशियों के एलान का वक्त चुना। खासतौर पर होलाष्टक के दौरान भाजपा, कांग्रेस दोनों ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने से गुरेज किया।
'चेहरे' तय न होने से राजनीतिक दलों का प्रचार कार्यक्रम शुरू नहीं हो पाया। उत्तराखंड में पहले चरण में चुनाव का एलान होने के बावजूद भाजपा, कांग्रेस दोनों ने धैर्य दिखाया। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक होलाष्टक में मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इस बार 14 मार्च को होलाष्टक की शुरुआत हुई। होलिका दहन के साथ होलाष्टक समाप्त हो जाता है। कुछ स्थानीय पंचागों के मुताबिक 21 मार्च की सुबह 7:20 बजे प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होते ही होलाष्टक काल की समाप्ति हो गई। भाजपा ने उदयव्यापिनी युक्त पूर्णिमा तिथि तथा तीन व तेरह के योग में प्रत्याशियों के नाम घोषित किए। 21 तारीख के दोनों अंकों का योग तीन व 184 (घोषित प्रत्याशियों की संख्या) सीटों का योग 13 बनता है।
इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए ने 13 दिन व फिर 13 माह की सरकार चलाई थी। बाद में पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। कुल मिलाकर तीन बार सरकार चलाई। वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक, बृहस्पतिवार नंदा तिथि मानी गई है। ज्योतिष में विषम अंक को राजनीति व युद्ध के लिहाज से फलदायी बताया गया है। जाहिर है भाजपा ने सोच-विचार के बाद ही प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। हालांकि चुनाव में भाजपा को इसका फायदा मिलता है या नहीं, इसका अंतिम फैसला मतदाता को करना है।
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