आयुष्मान कार्ड धारक मरीज का इलाज करने से अस्पताल ने किया इन्कार, मौत
अस्पताल में रुपये न होने के कारण एक मरीज कैसे मर जाता है, शनिवार को हल्द्वानी के एक बड़े निजी अस्पताल में यह देखने को मिला।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 02 Feb 2019 08:54 PM (IST)
गूलरभोज, जेएनएन : अस्पताल में रुपये न होने के कारण एक मरीज कैसे मर जाता है, शनिवार को हल्द्वानी के एक बड़े निजी अस्पताल में यह देखने को मिला। आरोप है कि अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड धारक का इलाज करने से यह कह मना कर दिया कि वह कार्ड अस्पताल में अनुमन्य नहीं है। समुचित इलाज न मिलने से कुछ घंटों बाद किशोर की मौत हो गई। घटना ने निजी अस्पतालों की जवाबदेही के साथ ही आयुष्मान कार्ड के औचित्य पर सवाल खड़ा कर दिया है।
नई बस्ती निवासी दिहाड़ी मजदूर संजय कुमार का बड़ा बेटा सचिन (17) कई दिनों से बीमार था। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन बीते शुक्रवार सुबह रुद्रपुर के अग्रसेन चिकित्सालय ले गए। गुर्दे की गंभीर बीमारी का मामला समाने आने पर डॉक्टर ने डायलिसिस के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन एंबुलेंस से आक्सीजन किट लगाकर उसे हल्द्वानी के काठगोदाम रोड स्थित निजी अस्पताल ले गए। मरीज की बिगड़ती हालत को देखते उसे आइसीयू में भर्ती कर लिया गया। इस दौरान परिजनों से फीस जमा करने की बात कही, जिस पर उन्होंने आयुष्मान योजना का कार्ड दिखा दिया। आरोप है कि कार्ड को देख चिकित्सक ने आगे का इलाज करने से इन्कार कर दिया। आखिरकार कुछ घंटों बाद सचिन ने दम तोड़ दिया।
शनिवार सुबह मृतक के घर में शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया, जिसमें सामाजिक और राजनीतिक दलों से जुड़े लोग शामिल रहे। शोक व्यक्त करने घर पहुंचीं नगर पंचायत चेयरपर्सन अनिता दुबे व भाजपा नगर अध्यक्ष तरुण दुबे ने परिजनों को ढांढस बंधा मामले को मुख्यमंत्री तक ले जाने की बात कही।
अस्पताल को दिखानी चाहिए थी संवेदना
सूरज रावत, जिला को-आर्डिनेटर, आयुष्मान भारत नैनीताल ने बताया कि आरोपित किए गए अस्पताल का अभी तक सरकार के साथ एमओयू नहीं हुआ है। बावजूद अस्पताल को मानवीय संवेदना दिखाते हुए इलाज करना चाहिए था।
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