Bagwal Mela 2022 : बग्वाल युद्ध में फल और डंडों से एक दूसरे पर हमला, कई घायल, हजारों दर्शकों से भरा मैदान
Bagwal Mela 2022 चंपावत जिले के बाराही धाम देवीधुरा में खोलीखाड़ दुर्बाचौड़ मैदान बग्वाल युद्ध खेला गया है। बग्वाल की क्या परंपरा है क्यों खेला जाता है इसमें रक्त बहाने की क्या मान्यता है चालिए जानते हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 03:19 PM (IST)
चम्पावत, जागरण संवाददाता : Bagwal Mela 2022 : चंपावत जिले (Champawat) के बाराही धाम देवीधुरा (Barahi dham Devidhura) में खोलीखाड़ दुर्बाचौड़ मैदान बग्वाल युद्ध (Bagwal war) खेला गया है। जिसमें रणबांकुरों ने एक दूसरे पर फल, फूल और पत्थरों से हमला किया।
लाठी और रिंगाल की बनी ढालों से खुद को बचाया भी। इस दौरान कई लोग घायल हो गए। जिनका स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाज किया। बग्वाल युद्ध देखले के लिए हजारों लोग मैदान में पहुंचे हैं। मेले में शिरकत करने के लिए सीएम धामी भी पहुंचे।
मान्यता है अतीत काल में यहां नरबलि देने की प्रथा थी, लेकिन जब चम्याल खाम की एक वृद्धा के एकमात्र पौत्र की बलि देने की बारी आई तो वंश नाश के डर से उसने मां बाराही की तपस्या की।
माता के प्रसन्न होने पर वृद्धा की सलाह पर चारों खामों के मुखियाओं ने आपस में युद्ध कर एक मानव के बराबर रक्त बहाकर कर पूजा करने की बात स्वीकार ली, तभी से ही बगवाल का सिलसिला चला आ रहा है।
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