वन कर्मियों को गोली मारने वाले आरोपितों की जमानत नामंजूर NAINITAL CRIME
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट ने पेड़ काटने से रोकने गए वन कर्मचारी की हत्या के मामले में तीन आरोपितों की जमानत नामंजूर कर दी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 13 Sep 2019 08:42 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट ने पेड़ काटने से रोकने गए वन कर्मचारी की हत्या के मामले में तीन आरोपितों की जमानत नामंजूर कर दी।
डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार 22 जून को दीपक सिंह द्वारा कालाढूंगी थाने में मामला दर्ज कराया। जिसमें कहा गया कि 21 जून की रात दक्षिणी बरहैनी बीट में लकड़ी चोरों द्वारा पेड़ काटा गया है। इस पर तमाम वन कर्मी मौके के लिए रवाना हुए, इसमें बीट वॉचर बहादुर सिंह शामिल रहे। रात में बहादुर द्वारा टॉर्च की रोशनी डाली तो लखविंदर सिंह को पहचान लिया। ललकारने पर लखविंदर व साथियों जान से मारने की नीयत से गोली चला दी जो बहादुर के पेट व महेंद्र के पैर में लगी। इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी को सूचना दी गई। घायल बहादुर व महेंद्र को तत्काल सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया, जहां बहादुर ने दम तोड़ दिया। 25 जून को इस मामले में पुलिस ने करन सिंह पुत्र इंद्रजीत सिंह को तमंचे व जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। जबकि छह जुलाई को परमजीत सिंह उर्फ पम्मू निवासी ग्राम मड़यिया को गिरफ्तार किया। इसके अलावा सूरज निवासी मडविया को भी गिरफ्तार किया गया। गुरुवार को लखविंदर उर्फ लक्की पुत्र जग्गा सिंह निवासी मडिय़ा, पम्मू उर्फ परमजीत सिंह पुत्र दर्शन सिंह व सूरज पुत्र पाल सिंह निवासी मडविया की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपितों द्वारा वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर गोली चलाई। जिससे वन कर्मी बहादुर की मौत हुई। यह भी कहा कि अभियुक्त लखविंदर व परमजीत का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। कोर्ट ने जिसके बाद तीनों आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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