Banbhoolpura: हल्द्वानी में 4000 से ज्यादा घरों पर बुल्डोजर चलेगा या नहीं, गुरुवार को SC में होगा फैसला
Banbhoolpura Encroachment रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4365 अवैध कच्चे-पक्के भवनों को हटाने के लिए रेलवे पुलिस व प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं स्थानीय लोगों एवं कुछ कांग्रेस व सपा आदि राजनीतिक दलों की ओर से इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Wed, 04 Jan 2023 12:19 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: Banbhoolpura Encroachment: बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4365 अवैध कच्चे-पक्के भवनों को हटाने के लिए रेलवे, पुलिस व प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। आरपीएफ व पीएसी की पांच-पांच कंपनियां तैनात हो गई हैं और चार दिन बाद पैरामिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी पहुंच जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होगी सुनवाई
हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने की उत्तराखंड हाईकोर्ट की याचिका को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एस ए नजीर और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा मामले का उल्लेख करने के बाद मामले को सुनवाई के लिए स्वीकृति दी है।
सरकार इस मामले में जरूर सकारात्मक कदम उठाए: मायावती
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने मामले पर इंटरनेटमीडिया पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि 'उत्तराखंड के हल्द्वानी में बर्फीले मौसम में ही अतिक्रमण हटाने के नाम पर हजारों गरीब व मुस्लिम परिवारों को उजाड़ने का अमानवीय कार्य अति-दुखद। सरकार का काम लोगों को बसाना है, न कि उजाड़ना। सरकार इस मामले में जरूर सकारात्मक कदम उठाए।'
आठ जनवरी के बाद ध्वस्त करने की तैयारी
दरअसल, अतिक्रमण हटाने की यह कवायद 2007 में हो गई थी लेकिन तब रेलवे अपनी भूमि खाली नहीं करा सका था। अब नैनीताल हाई कोर्ट के सख्त आदेश के चलते 16 साल बाद बदले हालात में अतिक्रमण के बढ़ चुके दायरे को आठ जनवरी के बाद ध्वस्त करने की तैयारी हो चुकी है।कांग्रेस व सपा आदि राजनीतिक दलों की ओर से राजनीति तेज
हालांकि स्थानीय लोगों एवं कुछ कांग्रेस व सपा आदि राजनीतिक दलों की ओर से इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो चुकी है। मामले में हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश व अन्य राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले रविशंकर जोशी भी सर्वोच्च न्यायालय में कैविएट दाखिल कर चुके हैं। अब सभी की निगाह सुप्रीम कोर्ट की पांच जनवरी को संभावित सुनवाई पर है।हल्द्वानी के बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में 4365 परिवार अतिक्रणकारी माने गए हैं और इन्हीं को हटाया जाना है। 2007 में अतिक्रमण हटाने पर बवाल हो गया था। तब इस मुद्दे पर राजनीति हावी होने के साथ-साथ मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था। उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
इधर, 2013 में हाई कोर्ट में हल्द्वानी के गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने जनहित याचिका दायर की। इस बीच याचिका में संशोधन के साथ चली सुनवाई के बाद 27 दिसंबर को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अतिक्रमण हटाने संबंधी सख्त आदेश दिए हैं। इसी क्रम में इज्जतनगर मंडल रेलवे, नैनीताल जिला प्रशासन व पुलिस व्यापक तैयारियों में जुटी है।
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