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Banbhoolpura Violence: अब्दुल मलिक समेत 107 उपद्रवियों पर आरोप तय, हुई थी पांच लोगों की मौत

बनभूलपुरा कांड में अब्दुल मलिक समेत 107 आरोपितों के विरुद्ध आरोप तय हो गए हैं। आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी भूमि से अवैध मदरसा व नमाज स्थल हटाने के दौरान उपद्रव हो गया था। चारों ओर से हुए इस हमले में 150 से अधिक पुलिस कर्मी नगर निगम कर्मी व मीडिया कर्मी घायल हुए थे। उपद्रव में पांच लोगों की मौत हो गई थी।

By Deep belwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 12 Jul 2024 11:17 AM (IST)
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Banbhoolpura Violence: उपद्रव में पांच लोगों की मौत हो गई थी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Banbhoolpura Violence: बनभूलपुरा कांड में अब्दुल मलिक समेत 107 आरोपितों के विरुद्ध आरोप तय हो गए हैं। बुधवार को सभी आरोपितों की कोर्ट में पेशी हुई। इस दौरान तय हुए आरोप सुनाए गए। उपद्रव के मामले में तीन अलग-अलग प्राथमिकी हुई है, जिनका ट्रायल अब हल्द्वानी कोर्ट में चलेगा।

दरअसल, आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी भूमि से अवैध मदरसा व नमाज स्थल हटाने के दौरान उपद्रव हो गया था। अतिक्रमण तोड़ने के दौरान महिलाओं व पुरुषों ने जमकर पथराव किया था। वाहनों में तोड़फोड़ कर आगजनी भी की थी। चारों ओर से हुए इस हमले में 150 से अधिक पुलिस कर्मी, नगर निगम कर्मी व मीडिया कर्मी घायल हुए थे। बाद में आक्रोशित भीड़ ने बनभूलपुरा थाना तक फूंक दिया था।

उपद्रव में पांच लोगों की मौत हो गई थी। हल्द्वानी समेत बनभूलपुरा में कई दिन कर्फ्यू रहा था। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। उपद्रव के अगले दिन से पुलिस ने उपद्रवियों की धरपकड़ शुरू की। अब तक अब्दुल मलिक, उसका बेटा अब्दुल मोइद व पत्नी साफिया मलिक समेत 107 उपद्रवी गिरफ्तार हो चुके हैं। बवाल के पूरे प्रकरण में पुलिस की ओर से तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। बुधवार को सभी उपद्रवियों की कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट में पुलिस की ओर से दाखिल आरोप सुनाए गए।

रामनगर, लालकुआं व भवाली सीओ ने की विवेचना

बनभूलपुरा कांड में पुलिस व नगर निगम की ओर से तीन प्राथमिकी हुई हैं। पहली प्राथमिकी बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी की ओर से है, जिसमें उपद्रवियों पर थाना फूंकने, सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत कई आरोप हैं। इस मामले की विवेचना सीओ लालकुआं संगीता कर रही हैं।

वहीं, दूसरी प्राथमिकी मुखानी थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक की ओर से हैं। इसमें उपद्रवियों पर उनके सरकारी वाहन फूंकने, असलहा लूटने व मारपीट, धमकी व गालीगलौज आदि आरोप हैं। इसकी विवेचना रामनगर सीओ बीएस भंडारी के पास है।

तीसरा मामला नगर निगम की प्रभारी सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट की ओर से दर्ज है, जिसमें मलिक के बगीचे वाली जमीन को घेरने, सरकारी कर्मचारियों पर पथराव करने, वाहनों को फूंकने आदि मामलों में प्राथमिकी हुई है। इस प्रकरण की विवेचना भवाली सीओ सुमित पांडे कर रहे हैं।

और उपद्रवी पुलिस भी राडार पर

एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि बनभूलपुरा थाने में दर्ज तीनों मामलों की विवेचना जारी है। इस मामले में कई उपद्रवी अंडरग्राउंड हो गए हैं। वह यह न सोचें कि बच गए। पुलिस की जांच जारी है। फरार व अंडरग्राउंड हुए उपद्रवी पुलिस की राडार पर हैं। जल्द दोबारा धरपकड़ शुरू होगी।

तय समय पर दाखिल किए आरोप पत्र

आरोप पत्र यानी चार्जशीट। यह एक आधिकारिक दस्तावेज होता है, जिस पर पुलिस अधिकारी उस अपराध का विवरण दर्ज करता है, जिसका आरोपी व्यक्ति होता है। चार्जशीट दाखिल करने का समय लगभग 60 दिन का रहता है। पुलिस ने बेहद संवेदनशील मामले में गहन जांच की व आरोपितों को सलाखों के पीछे भेजा और तय समय पर आरोप पत्र दाखिल किए हैं। ऐसे में जल्द सजा व बचाव दोनों समय पर स्पष्ट हो सकेंगे।

बनभूलपुरा कांड के उपद्रवियों के विरुद्ध प्रारंभिक आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए गए हैं। इस मामले में कई और नाम सामने आने बाकी हैं। जांच जारी है। फरार हुए उपद्रवियों की धरपकड़ भी की जाएगी।

प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी

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