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Uttarakhand Crime: बिना वीजा के उत्‍तराखंड में रह रहा था बांग्लादेशी दंपती, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Uttarakhand Crime उत्तराखंड के हल्द्वानी में सत्यापन अभियान के दौरान पुलिस ने एक बांग्लादेशी दंपती को गिरफ्तार किया है। यह दंपती अपनी बेटी के कैंसर के इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर भारत आया था लेकिन वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वे यहीं रह रहे थे। पति-पत्नी सब्जी का ठेला लगा जीवन यापन करने लगे। पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

By govind singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 05 Oct 2024 02:31 PM (IST)
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Uttarakhand Crime : बांग्लादेशी दंपती गिरफ्तार, खत्म हो गई थी वीजा अवधि।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Uttarakhand Crime : सत्यापन अभियान के दौरान पुलिस ने एक घर से बांग्लादेशी दंपत्ति को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। बेटी के उपचार के लिए सितंबर 2023 में ये परिवार भारत आया था। इस वर्ष जुलाई में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में उपचार के दौरान कैंसर पीडि़ता बेटी की मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि वीजा अवधि खत्म हो चुकी है। जिसके बाद पुलिस ने दंपति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया।

पिछले एक सप्ताह से हल्द्वानी में पुलिस ने मुख्य मार्ग से लेकर आबादी क्षेत्रों के अंदर भी सत्यापन अभियान शुरू कर रखा है। तीन अक्टूबर को मंडी चौकी इंचार्ज भुवन सिंह राणा पुलिसकर्मियों संग गौजाजाली बिचली क्षेत्र में सत्यापन को पहुंचे थे। इस दौरान मुन्नालाल नाम के व्यक्ति के घर में एक संदिग्ध दंपत्ति मिला। जिसने अपना नाम कचुवा अभय नगर सिरधौरपुर जसौर बांग्लादेश निवासी नारायण विश्वास और गौरी विश्वास बताया। जबकि मुन्नालाल इनका रिश्तेदार था।

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खुफिया एजेंसी भी पूछताछ को पहुंची

बांग्लादेशी नागरिक होने की वजह से खुफिया एजेंसी भी पूछताछ को पहुंच गई। पता चला कि नारायण और गौरी बेटी काकोली के उपचार के लिए दस सितंबर 2023 को बगाल के हरिदासुपर इमिग्रेशन चेक पोस्ट से मेडिकल वीजा के आधार पर भारत आए थे। मेडिकल वीजा तमिलनाडू स्थित क्रिश्वन मेडिकल कालेज के लिए जारी हुआ था। जहां 13 सितंबर से 25 सितंबर तक चली जांचों के आधार पर पता चला कि काकोली को गले का कैंसर है।

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इसके बाद 21 नवंबर को तीनों लालकुआं से गौजाजली बिचली में मुन्नालाल के घर पहुंच गए। गौरी की बहन शोभा ने 1997 में मुन्नालाल से विवाह किया था। रिश्तेदारी की वजह से बांग्लादेशी परिवार को यहां रहने को जगह मिल गई। इसके बाद एसटीएच से बेटी का उपचार कराने लगे। लेकिन जुलाई 2024 में काकोरी का निधन हो गया। जबकि इसी वर्ष 28 फरवरी को इनका वीजा खत्म हो गया था। वहीं, कोतवाल राजेश यादव ने बताया कि इसी आधार पर दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया।

आइटीआइ तिराहे पर सब्जी का ठेला लगाते थे

पुलिस पूछताछ में पता चला कि बांग्लादेशी दंपति की आर्थिक स्थिति खराब है। बेटी की मौत के बाद पति-पत्नी आइटीआइ तिराहे के पास सब्जी का ठेला लगा जीवन यापन करने लगे। हालांकि, सत्यापन अभियान से मामला पकड़ में आ ही गया।

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