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uttarakhand lockdown day 12 : बेस अस्पताल की इमरजेंसी खुली, बढ़ने लगे मरीजों की संख्या

सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय को पूरी तरह कोविद अस्पताल बनाए जाने के बाद आम मरीजों के लिए परेशानी बढ़ गई थी। ऐसे में अब बेस अस्पताल को अन्य मरीजों के लिए खोल दिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 06 Apr 2020 08:07 PM (IST)
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uttarakhand lockdown day 12 : बेस अस्पताल की इमरजेंसी खुली, बढ़ने लगे मरीजों की संख्या

हल्द्वानी, जेएनएन : डाॅ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय को पूरी तरह कोविद अस्पताल बनाए जाने के बाद आम मरीजों के लिए परेशानी बढ़ गई थी। ऐसे में अब बेस अस्पताल को अन्य मरीजों के लिए खोल दिया गया है। इमरजेंसी सेवाएं सोमवार से शुरू हो गई हैं। एक-दो दिन में इस अस्पताल में एसटीएच के डाॅक्टर भी पहुंच जाएंगे।

बेस अस्पताल में 130 बेड हैं, लेकिन पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। इसके चलते अधिकांश मरीज एसटीएच में ही उपचार के लिए पहुंचते थे, लेकिन कोविद अस्पताल बनाए जाने से मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गए हैं। गरीब मरीज इलाज कराने में असमर्थ हो रहे हैं। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब बेस अस्पताल को कोरोना के अलावा मरीजों के उपचार के लिए इस अस्पताल को खोल दिया है। नोडल प्रभारी डाॅ. डीएस पंचपाल ने बताया कि इमरजेंसी सेवा शुरू होने से मरीजों को अब इलाज मिलने लगा है। इसी के साथ अब इस अस्पताल से आइसोलेशन वार्ड हटा दिया गया है। ओपीडी सेवाएं धीरे-धीरे शुरू हो जाएंगी।

मिलेगी ये सुविधाएं

एसटीएच से दो सर्जन, एक चेस्ट फिजीषियन, एक हडडी रोग स्पेशलिस्ट व एक एनेस्थेटिक बेस अस्पताल में सेवाएं देंगे। इसके अलावा जूनियर डाॅक्टरों की भी डयूटी लगाई जा रही है।

हडडी फ्रैक्चर के दो ऑपरेशन होंगे

बेस अस्पताल में हडडी फ्रैक्चर के दो मरीज अल्मोड़ा जिले से पहुंचे। दोनों को आपरेशन के लिए भर्ती कर दिया गया है। डाॅ. पंचपाल ने बताया कि जरूरी आॅपरेशन किए जाएंगे। जिनमें तत्काल जरूरत नहीं, वैसे ऑपरेशन टाल दिए जाएंगे।

एसटीएच में डिस्चार्ज होने लगे भर्ती मरीज

एसटीएच में 250 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों में किसी आपरेशन हुआ है तो किसी को दूसरी दिक्कत। अब इन मरीजों को धीरे-धीरे डिस्चार्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। इसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ेगा।

जरूरतमंद मरीज ही होंगे रेफर

बेस अस्पताल के डाॅ. पंचपाल ने बताया कि बेस अस्पताल से वहीं मरीज निजी अस्पताल को रेफर किए जाएंगे, जिसकी जरूरत होगी। खासकर हेड इनज्युरी, हार्ट से संबंधित बीमारियों और कोई गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को प्राथमिकत जांच के बाद ही निजी अस्पताल को रेफर किया जाएगा।

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