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उच्च हिमालय में भोजपत्र और सुगंधित पौधो का होगा रोपण, गुंजी में रोपा गया भोजपत्र का पौधा

भोजपत्र उच्च हिमालय का मुख्य वृक्ष है। भोजपत्र की विशेषताएं इस क्षेत्र को विशेष बनाती है। जिसे देखते हुए उच्च हिमालय जाने वाले प्रत्येक पर्यटक को यहां एक पौधा रोपण करना चाहिए। हिमालय में पर्यावरण प्रभावित होने का असर पूरे देश पर पड़ेगा।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Sat, 28 May 2022 03:36 PM (IST)
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गुंजी, कालापानी, नावीढांग में भोज पत्र के पौधो सहित वनस्पतियों के पौधो का रोपण किया गया।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: उच्च हिमालय का विशेष वृक्ष भोजपत्र को बढ़ावा देने के लिए इसका पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ हो चुका है। गुंजी में आयोजित अमृत महोत्सव के दौरान इसकी शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान गुंजी, कालापानी, नावीढांग में भोज पत्र के पौधो सहित यहां की जलवायु में होने वाले वनस्पतियों के पौधो का रोपण किया गया।

गुंजी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण प्रेमी एवं साहसिक प्रबंधक पर्यटन केएमवीएन दिनेश गुरु रानी अपने साथ भोजपत्र, रूद्राक्ष और धूप के पौधे लेकर गए। उन्होंने इस क्रम में एक पौधा धरती मां के नाम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी भेंट किया।

गुंजी में भोजपत्र के पौधे का रोपण भी किया। गुरुरानी ने कहा कि उच्च हिमालय में वहां की वनस्पतियों को संरक्षित रखना आवश्यक है। सड़क बन जाने से अब उच्च हिमालय तक काफी अधिक संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। जिससे यहां का पर्यावरण प्रभावित होगा। यहां के पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए पौधारोपण आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि भोजपत्र उच्च हिमालय का मुख्य वृक्ष है। भोजपत्र की विशेषताएं इस क्षेत्र को विशेष बनाती है। जिसे देखते हुए उच्च हिमालय जाने वाले प्रत्येक पर्यटक को यहां एक पौधा रोपण करना चाहिए। हिमालय में पर्यावरण प्रभावित होने का असर पूरे देश पर पड़ेगा। इसके लिए पहले से ही सावधान होना आवश्यक है।

भोजपत्र और सुगंधित धूप है यहां की वनस्पति

गुंजी तक भोज पत्र और कालापानी से ऊपर की तरफ सुंगधित धूप के पौधे होते हैं। क्षेत्र की जलवायु को देखते हुए यहां पर इन पौधों का रोपण आवश्यक है।

विभाग की नर्सरी में तैयार हैं भोजपत्र के पौधे

मुनस्यारी के पातलथौड़ स्थित वन विभाग की नर्सरी में भोजपत्र के पौधे तैयार हैं। दिनेश गुरु रानी बताते हैं कि उन्होंने नर्सरी से पौधे मंगा कर गुंजी, कालापानी, नावीढांग में रोपित किए हैं। दो दिन बाद प्रारंभ हो रही आदि कैलास यात्रा के दौरान पौधरोपण के लिए काफी अधिक संख्या में पौधे क्रय किए हैं।

आदि कैलास के प्रत्येक दल को दिए जाएंगे पौधे

31 मई से प्रारंभ हो रही आदि कैलास यात्रा के प्रत्येक दल को पिथौरागढ़ में पांच पौधे दिए जाएंगे। यात्रियों द्वारा कालापानी मंदिर परिसर में इन पौधो का रोपण किया जाएगा।

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