60 प्लस सीट जीतने का लक्ष्य और सत्ता बदलने का मिथक तोड़ने के संकल्प
इस बार भाजपा पहले से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन का करने का मन बना चुकी है। 60 प्लस सीट के आंकड़े को छूने के साथ ही भाजपा ने एक बार कांगे्रस तो एक बार भाजपा के सत्ता में आने के मिथक को भी तोडऩे का संकल्प लिया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 30 Jun 2021 09:03 AM (IST)
रामनगर, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड में मिशन 2022 भाजपा के लिए कई मायनों में पहले से अलग होगा। इस बार भाजपा पहले से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन का करने का मन बना चुकी है। 60 प्लस सीट के आंकड़े को छूने के साथ ही भाजपा ने एक बार कांगे्रस तो एक बार भाजपा के सत्ता में आने के मिथक को भी तोडऩे का संकल्प लिया है। इन सबके लिए चिंतन बैठक के बहाने भाजपा ने जनता तक पहुंचने के लिए चुनावी कसरत भी शुरू कर दी है।
दोबारा से बेहतर प्रदर्शन के साथ वापसी के लिए ढिकुली में सागर मंथन सरीखी बैठक से अमृत रूपी जीत के फार्मूले निकाले गए। इसमें से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा भी शामिल है। भाजपा राज्य में अपने बलबूते चाहें संगठन के कार्य हो या फिर सरकार की उपलब्धियां, जनता तक पहुंचने के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है। चुनाव को लेकर संगठन के द्वारा जुलाई से दिसंबर तक किए जाने वाले कार्यक्रमों को अंतिम रूप भी दे दिया गया है। लेकिन इन सबसे हटकर भाजपा अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के जरिए चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है।
यही वजह है कि भाजपा ने चुनाव से पहले मोदी को उत्तराखंड में बुलाया है। इसके जरिए संगठन ने राज्य में चुनावी माहौल की शुरूआत कर जीत की राह प्रशस्त करने का मन बनाया है। इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है। हालांकि प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्य में कब और किस जगह आएंगे। यह पत्ते संगठन के द्वारा अभी तक नहीं खोले गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर बैठक में काफी चिंतन व मंथन हुआ।
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