Uttarakhand News उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में घायलों के साथ-साथ लाशों को भी रेफर किया जा रहा है। हल्द्वानी और अल्मोड़ा को छोड़कर किसी भी जिले में फॉरेंसिक एक्सपर्ट नहीं हैं। संदिग्ध मामलों में मौत का कारण स्पष्ट करने के लिए लाशों को हल्द्वानी और अल्मोड़ा भेजा जा रहा है। पूरे कुमाऊं में हर तीसरे दिन एक मौत संदिग्ध कारणों से होती है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Uttarakhand News: आपने पहाड़ से घायलों व गंभीर मरीजों को हल्द्वानी रेफर करने की बातें सुनी और पढ़ी होंगी, मगर एक सच्चाई ये भी है कि ऊधम सिंह नगर समेत कुमाऊं के चार जिलों से लाशें भी रेफर हो रही हैं, क्योंकि हल्द्वानी व अल्मोड़ा को छोड़कर कहीं फारेंसिक एक्सपर्ट नहीं हैं।
संदिग्ध मामलों में मौत का कारण स्पष्ट हो सके, इसलिए हल्द्वानी और अल्मोड़ा में एक्सपर्ट डाक्टरों से लाशों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
पूरे कुमाऊं में हर तीसरे दिन एक मौत संदिग्ध कारणों से होती है। ऊधम सिंह नगर, चंपावत, पिथौरागढ़ व बागेश्वर में पोस्टमार्टम हाउस तो हैं, लेकिन वहां फारेंसिक एक्सपर्ट नहीं है।
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संदिग्ध हालात में हुए मौत में पोस्टमार्टम करना आसान नहीं
साधारण मौत के मामलों में एमबीबीएस डाक्टर लाशों का पोस्टमार्टम कर लेते हैं, मगर जब मौत संदिग्ध हालात में हो तो पोस्टमार्टम करना आसान नहीं होता। काशीपुर, जसपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, रामनगर व नैनीताल से लाशें हल्द्वानी पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचाई जा रही हैं।
वहीं, पहाड़ के तीन जिलों चंपावत, पिथौरागढ़ व बागेश्वर से संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में लाशें पोस्टमार्टम के लिए अल्मोड़ा पोस्टमार्टम हाउस में लाई जा रही हैं, जहां पर फारेंसिक एक्सपर्ट की निगरानी में पोस्टमार्टम किया जा रहा है, ताकि मौत का कारण स्पष्ट हो सके। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कई मामलों में आरोपितों को सजा हो चुकी है।
पांच महीने की मासूम का हुआ पोस्टमार्टम
गुरुवार को मोर्चरी में पांच महीने के मासूम का पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस के अनुसार, रुद्रपुर के रंपुरा निवासी एक युवती सिडकुल में काम करती थी, जहां पर उसका एक युवक से प्रेम प्रसंग हो गया।
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युवक ने उसके संग शारीरिक संबंध बनाए, जिस कारण युवती पांच महीने की गर्भवती हो गई। कोर्ट के आदेश पर युवती ने एसटीएच में आपरेशन कराकर पांच महीने के मृत मासूम को जन्म दिया। इसके बाद मासूम के शव का पोस्टमार्टम किया गया।
मेडिकल कालेज हल्द्वानी व अल्मोड़ा में हैं, जहां फारेंसिक एक्सपर्ट की टीम 24 घंटे उपलब्ध रहती है। इसलिए संदिग्ध हालात में हुई मौतों के मामलों में लाशों को पोस्टमार्टम के लिए इन जगहों पर लाया जाता है। -
डा. अरुण जोशी, प्राचार्य, मेडिकल कालेज
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