Uttarakhand: चीन के नहीं BSNL लगा रहा स्वदेशी 4G बीटीएस डिवाइस, अब मिलेगी इंटरनेट की सुपरफास्ट स्पीड
Uttarakhand उत्तराखंड में अब स्वदेशी उपकरणों पर फोकस किया जा रहा है। वर्षों से बीएसएनएल के टावरों में चीन व यूरोप में निर्मित विदेशी बीटीएस उपकरण लगाए गए थे। इसी से उपभोक्ताओं को टूजी व थ्रीजी इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मिल रही है। जबकि निजी कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं को फोर जी सुविधा वर्षों पहले से मिलना शुरू हो गई है।
चयन राजपूत, हल्द्वानी। चीन के अलावा फिनलैंड व स्वीडन में बने बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) उपकरण की जगह भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) अब स्वदेशी उपकरण लगा रहा है। अब स्वदेशी प्रकरणों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
बीएसएनएल अपने टावरों में स्वदेशी फोर जी बीटीएस को इंस्टॉल कर उपभोक्ताओं को जल्द फोर जी इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराने जा रहा है।
पहले चीन और यूरोप के उपकरण हो रहे थे इस्तेमाल
वर्षों से बीएसएनएल के टावरों में चीन व यूरोप में निर्मित विदेशी बीटीएस उपकरण लगाए गए थे। इसी से उपभोक्ताओं को टूजी व थ्रीजी इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मिल रही है। जबकि निजी कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं को फोर जी सुविधा वर्षों पहले से मिलना शुरू हो गई है।बीएसएनएल ने स्वदेशी उपकरण किए इंस्टॉल
निजी कंपनियों को पछाड़ने के लिए बीएसएनएल की ओर से भी उपभोक्ताओं को फोर जी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। नैनीताल, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर व चमोली जिले में कुल 165 में से 103 टावरों पर विदेशी बीटीएस को हटाकर स्वदेशी उपकरण इंस्टॉल कर दिए गए हैं। इसमें से कुमाऊं की 11 स्थल फोर जी इंटरनेट कनेक्टिविटी की टेस्टिंग के लिए तैयार हो गए हैं।