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बसों के पहिये जाम होने से ठहरी जिंदगी की 'रफ्तार', कारोबार पर भी असर

बसों की हड़ताल से यात्रियों की जमकर फजीहत हो रही है। लोग जहां-तहां फंस गए हैं। साथ ही इसका असर कारोबार पर भी पड़ा है।

By Edited By: Updated: Mon, 23 Jul 2018 05:17 PM (IST)
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बसों के पहिये जाम होने से ठहरी जिंदगी की 'रफ्तार', कारोबार पर भी असर
हल्द्वानी, [जेएनएन]: कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के साथ शनिवार को गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन (जीएमओयू) और अन्य निजी बस संचालकों की यूनियनें भी हड़ताल में कूद गई। इससे नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जिले के साथ ही पर्वतीय मार्गों पर पूरी तरह निजी बसों का संचालन बंद हो गया। बसों के पहिये जाम होने से जिंदगी की रफ्तार भी ठहर गई। लोग जहां-तहां फंस गए। इसका असर कारोबार पर भी पड़ा। एक हजार बसों का संचालन बंद होने से करीब एक लाख यात्रियों के प्रभावित होने का अनुमान लगाया गया है। कई निजी बस संचालकों की यूनियनों ने हल्द्वानी में बैठक कर हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रखने का एलान किया है। 

केएमओयू ने बीते शुक्रवार को हड़ताल का आगाज कर अपनी 450 बसों के चक्के अनिश्चितकाल के लिए जाम कर दिए थे। इसमें 350 बसें हल्द्वानी और 100 बसों का संचालन रामनगर से पर्वतीय मार्गों के लिए होता है। वहीं, शनिवार को तराई-भाबर में संचालित होने वाली निजी बसों की यूनियनें भी हड़ताल में कूद गई। हल्द्वानी स्थित केएमओयू बस स्टेशन में यूनियनों की बैठक हुई। इसमें सभी ने निजी बस संचालकों की उपेक्षा और उत्पीड़न का आरोप लगाया। साथ ही निजी बस संचालकों की मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। 

हड़ताल का असर कुमाऊं भर के अन्य कारोबार पर भी पडऩे लगा है। बाजार में बाहरी क्षेत्रों से खरीदार नहीं आने से बिक्री घट गई है। बैठक में कुमाऊं की निजी बस यूनियन के पदाधिकारियों में सुरेश सिंह डसीला, महेंद्र चंद्र सिंह बिष्ट, दलीप चंद्र शर्मा, अश्वनी कुमार, विजय कुमार समेत बस स्वामी भी मौजूद रहे। 

इन यूनियनों से शुरू की हड़ताल 

- कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन 

- तराई-भाबर काशीपुर गदरपुर यूनियन 

- काशीपुर-बाजपुर यूनियन 

- हल्द्वानी-कालाढूंगी-रामनगर यूनियन 

- गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन 

- आदर्श मोटर्स यूनियन 

- कालाढूंगी-कोटाबाग मोटर्स यूनियन 

- इंटरसिटी बस यूनियन 

- किच्छा-खटीमा यूनियन 

- किच्छा-शक्तिफार्म यूनियन 

- हल्द्वानी-चोरगलिया यूनियन 

यूनियनों की समस्याएं   

- तीन से पांच वर्ष के बच्चों को सवारी मानकर चालान किया जा रहा है, जबकि इनका टिकट नहीं लिया जाता है। 

- ओवरलोड के आरोप में गलत गिनती से चालान करने के बाद वाहन चालक व मालिकों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। 

- ओवरसीट में परमिट निरस्तीकरण के संबंध में वाहन स्वामियों का विरोध। 

- केमू व निजी बसों में किराये की दर परिवहन निगम के बराबर की जाए। 

- स्पीड गवर्नर व जीपीएस सिस्टम की अनिवार्यता खत्म की जाए। 

- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस व्यय का उचित दर से लागे किया जाए। 

- चालान होने पर लाइसेंस निरस्त का विरोध तथा चालक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने का विरोध। 

- पुलिस हर चौकी में रूट चार्ट व अन्य वाहन संबंधी पत्रावलियां मांगकर वाहन का समय पर गंतव्य तक पहुंचने का समय नष्ट किया जा रहा है। 

- मार्ग की दुर्दशा की ओर ध्यान न देने से दुर्घटनाओं में हुई जनहानि पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई। 

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