चंपावत जिले के सरकारी अस्पताल में पहली बार सीजर से हुआ प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ
चंपावत जिले के लोगों के लिए खुशखबरी है। अब सीजेरियन प्रसव के लिए प्रसूताओं को निजी अस्पतालों व हायर सेंटर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
चम्पावत, जेएनएन : चंपावत जिले के लोगों के लिए खुशखबरी है। अब सीजेरियन प्रसव के लिए प्रसूताओं को निजी अस्पतालों व हायर सेंटर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती होने के बाद सीजेरियन प्रसव शुरू हो गए हैं। सोमवार रात्रि में एक के बाद एक कर दो सीजेरियन प्रसव कराए गए। प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। यह जनपद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी सरकारी अस्पताल में सीजेरियन प्रसव हुए हैं। अभी तक निजी अस्पतालों में ही सीजेरियन होते थे। जिससे गरीब मरीजों को काफी दिक्कत होती थी। सीजेरियन प्रसव शुरू होने के बाद क्षेत्रीय विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अस्पताल प्रशासन को बधाई दी है।
चम्पावत जिला अस्पताल को बने करीब आठ वर्ष हो गए हैं। अस्पताल में पूर्व में गायनी की तैनाती हुई थी लेकिन ओटी न होने के कारण सीजेरियन प्रसव नहीं हो पाए। जब ओटी का निर्माण हुआ तो गायनी का तबादला हो गया। उसके बाद से गायनी की तैनाती के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे। कई बार गायनी की तैनाती के आदेश भी हुए लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। गायनी के अभाव में प्रसव पीडि़ताओं को निजी अस्पतालों में जाकर हजारों रुपये खर्च करने को विवश होना पड़ता था। कई बार अस्पताल के बरामदे और सड़क किनारे प्रसव के मामले भी सामने आ चुके हैं।
लंबे इंतजार के बाद एक माह पूर्व डीएच में स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई। साथ ही यहां पर आधुनिक ओटी निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। सोमवार रात्रि में गाइनाकोलॉजिस्ट डॉ. मोनिका रानी और उनकी टीम ने दो महिलाओं के सफलतापूर्वक सीजेरियन प्रसव कराकर जिले के लिहाज से नया इतिहास रच दिया था। सबसे पहले उन्होंने करीब आठ बजे धुनाघाट निवासी बबीता गहतोड़ी पत्नी बृजेश कुमार का सीजेरियन किया। बबीता ने एक कन्या को जन्म दिया। डॉ. मोनिका ने बताया कि बच्चे का विकास नहीं हुआ था। सर के पास पानी की कमी थी। जिस कारण सीजेरियन करना पड़ा।
इसके बाद करीब साढ़े दस बजे रौसाल निवासी कविता पत्नी दीपक राम का सीजेरियन किया। डॉक्टर ने बताया कि प्रसव पीडि़ता के गर्भ में बच्चे की नाल गले में तीन बार लपटी हुई थी। जिससे बच्चे की धड़कन कम हो रही थी। जिस कारण सीजेरियन करना पड़ा। महिला ने एक बालक को जन्म दिया। डॉक्टर ने बताया कि ओटी में अभी कई उपकरणों की कमी है। जिसे मंगाया जा रहा है। सीजेरियन के लिए एक ही सेट उपकरण मौजूद थे। इमरजेंसी में उन उपकरणों को फिर से साफ कर दूसरा प्रसव कराया गया। अब जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य है। जनपद में प्रथम बार सीजेरियन प्रसव होने से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। जिसका सबसे अधिक लाभ गरीब गर्भवती महिलाओं को मिलेगा।
प्रसव कराने वालों में यह रहे शामिल
अस्पताल में प्रथम बार सीजेरियन प्रसव कराने के लिए गायनी के साथ सर्जन डॉ. राहुल, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक सिंह, निश्चेतक डॉ. वेंकटेश द्विवेदी, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप बिष्ट, ओटी स्टॉफ में मनोज नेगी, पल्लवी बिष्ट, सोनिका कोहली, ममता जोशी, विपिन आदि मौजूद रहे। पीएमएस डॉ. आरके जोशी, ने बताया कि गायनी व सर्जन की तैनाती के बाद जिला अस्पताल में अब सभी प्रकार के जटिल ऑपरेशन व प्रसव हो सकेंगे। सोमवार रात्रि में दो सीजेरियन प्रसव कराए गए। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य है। ओटी में जिन उपकरणों की कमी है उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा। जिससे आगे दिक्कत न हो। जनपद के सरकारी अस्पतालों में यह सीजेरियन प्रसव प्रथम बार हुआ है। इसलिए सभी चिकित्सीय टीम को बधाई।
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