भ्रष्टाचार मामले में अल्मोड़ा की पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी समेत छह के खिलाफ मुकदमा nainital news
वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले में तत्कालीन पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी ईओ बद्रीप्रसाद आर्या समेत छह लोगों के खिलाफ रविवार को धोखाधड़ी का मुकदमा हो गया।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 06 Jan 2020 09:14 AM (IST)
अल्मोड़ा, जेएनएन : अल्मोड़ा नगर पालिका में करीब छह वर्ष पूर्व बहुचर्चित वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले में तत्कालीन पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी, ईओ बद्रीप्रसाद आर्या समेत छह लोगों के खिलाफ रविवार को धोखाधड़ी का मुकदमा हो गया। इनमें कार्यालय अधीक्षक सहित कुछ अभियंता भी शामिल हैं। बीते माह उच्च न्यायालय के आदेश पर इस बहुचर्चित प्रकरण का जिन्न बाहर आया था। एसएसपी ने कहा, रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
चार निर्माण कार्यों को कराने में हुआ गोलमाल मामला वर्ष 2007 का है। अल्मोड़ा नगर पालिका क्षेत्र के लिए चार निर्माण कार्य कराए जाने थे। विकास कार्यों को मूर्तरूप देने के लिए 49,39,800 रुपया तथा अतिरिक्त कार्य के सापेक्ष 20 लाख रुपये यानी कुल 68,30,800 रुपये स्वीकृत किए गए। इसका भुगतान बकायदा मैसर्स किरी एसोसिएशन प्राइवेट लिमिटेड, ई-340, ईस्ट ऑफ कैलाश (नई दिल्ली) को कर दिया गया। यह पूरा मामला विवादों में आ गया था।
वर्ष 2013 में पहली शिकायत वित्तीय धांधली का आरोप लगा वर्ष 2013 में लोकायुक्त के पास शिकायत की गई। शासन ने जांच कर आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए मगर कार्रवाई नहीं हुई। इस पर तत्कालीन दो सभासदों ने उच्च न्यायालय में पीआइएल दायर की।
ऐसे कसने लगा था शिकंजा उच्च न्यायालय के आदेश पर वर्ष 2015 में सीबीसीआइडी ने जांच की, जिसमें तत्कालीन पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी, ईओ बद्रीप्रसाद आर्या, कार्यालय अधीक्षक प्रकाश चंद्र तिवारी, अवर अभियंता नरेंद्र कुमार, रमेश चंद्र पंत व भरत सिंह को दोषी ठहराया था। कार्रवाई न होने पर उच्च न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया और मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
अपराध अनुसंधान विभाग की जांच के बाद मुकदमा तब पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग हल्द्वानी ने पूरे प्रकरण की गहन जांच की। इसमें पाया गया कि तत्कालीन पालिका प्रशासन ने विधिक प्रक्रिया न अपनाकर धोखाधड़ी से दिल्ली की किरी एसोसिएशन को निर्माण कार्यों का आवंटन कर दिया। वित्तीय धांधली से जुड़े इस मामले में अल्मोड़ा पुलिस ने तत्कालीन पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी समेत छह आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ये कराए जाने थे निर्माण कार्य)
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- ट्रक स्टेंड, लागत 77.95 लाख
- हरिप्रसाद टम्टा धर्मशाला के स्थान पर रैनबसेरा निर्माण, लागत 36.80 लाख
- त्रिलोकीनाथ धर्मशाला के स्थान पर बारात घर व कार पार्किंग, लागत 53.59 लाख
- एनटीडी में चिल्ड्रन पार्क व जलाशय, लागत 78.50 लाख (सूत्रों के मुताबिक पहली किश्त के रूप में मिले 68,30800 रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र न दिखा सकने के कारण पालिका को अब तक अगली किश्त नहीं मिल पाई। इससे चारों निर्माण कार्य अधर में लटके पड़े हैं)