आर्थो स्पेशलिस्ट डा. प्रदीप पांडे ने बताया हड्डियों के दर्द से मुक्ति और सेहतमंद रहने का राज
Joint And Bone Pain स्वस्थ जीवन का अधार नियमित योग है। वरिष्ठ हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप पांडे का कहना है कि अगर नियमित याेग किया जाए उपवास का ठीक से पालन हो और संतुलित भोजन हो तो तमाम बीमारियों में दवाइयां की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : क्या आप जानते हैं भोजन से ज्यादा जरूरी योग है? जी हां, लेकिन लोग भोजन को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। यही कारण है वजन तेजी बढ़ता है, जिससे शरीर में तमाम तरह की व्याधियां पैदा हो जाती हैं। जाे पूरी उम्र बनी रहती हैं।
मैट्रिक्स अस्पताल के वरिष्ठ हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप पांडे का कहना है कि अगर नियमित याेग किया जाए, उपवास का ठीक से पालन हो और संतुलित भोजन हो तो तमाम बीमारियों में दवाइयां की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
डा. पांडे रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में थे। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वाले लोगों को परामर्श दिया।
जानें उपवास का महत्व
- डा. पांडे ने बताया कि उपवास का समय कम से कम 24 घंटे का होना चाहिए।
- उपवास के दौरान केवल पानी ही पिया जाए। अगर कोई इतने लंबे समय तक भूख नहीं रह सकता है तो बीच में केवल एक समय हल्का भोजन करें।
- उपवास में लगातार पानी पीने से शरीर के तमाम विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। वजन नहीं बढ़ता है। ऐसे में घुटनों व जोड़ों में दर्द से आराम मिलता है।
योग व व्यायाम का है विशेष महत्व
योग-व्यायाम के बिना जीवन निष्क्रिय हो जाता है। बीमारियों का घर बन जाता है। वजन बढ़ने के साथ ही गर्दन, कमर व जोड़ों में दर्द होने लगता है। इसलिए नियमित एक से डेढ़ घंटा योग व व्यायाम करें। तेज-तेज टहलें। कमर व गर्दन से जुड़े व्यायाम करते रहें। इसके लिए चिकत्सा विशेषज्ञों के साथ ही योग विशेषज्ञों से भी संपर्क कर सकते हैं।
दवा के रूप में लें भोजन
कई मरीजों को परामर्श देते हुए डा. पांडे ने बताया कि भोजन को दवा के रूप में लें। भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दें। संतुलित व पौष्टिक भोजन ही ग्रहण करें। शरीर के लिए जितना जरूरी है उतना ही लें। अनावश्यक जंक, फास्ट व तली-भुनी चीजों का सेवन न करें।
इससे बढ़ता है कमर व पीठ दर्द
- - बिस्तर पर लेटकर पढ़ने और टीवी देखने
- - झुककर लंबे समय तक मोबाइल प्रयोग करने
- - कुर्सी-मेज पर सही तरीके से न बैठने
इन्होंने लिया परामर्श
हल्द्वानी से बीएन पाठक, आरती जोशी, सुषमा पंत, हरीश चंद्र उपाध्याय, सुमन दुर्गापाल, पार्वती देवी, पिथौरागढ़ कनालीछीना से जीवन सिंह धामी, रामनगर से मथुरा प्रसाद, चम्पावत से शंकर दत्त जोशी, सुयालबाड़ी से प्रमिला पिलख्वाल, गौलापार से हेमा सुयाल, बागेश्वर से अमित कुमार सिंह, किच्छा से राजकुमार कालरा, रानीखेत से जीवन आदि ने फोन कर परामर्श दिया।