Chandra Grahan 2022 : वर्ष के अंतिम चंद्र ग्रहण पर लगा बादलों का ग्रहण, नहीं देख सके लोग
Chandra Grahan 2022 सूर्यास्त के साथ ही पूरब दिशा में चंद्रमा ग्रहण के साथ उदय होना था लेकिन तभी घने बादलों के साथ कोहरे फैलने लगे। वर्ष के अंतिम ग्रहण देखने के लिए समय से पहले ही लोग हिमालय दर्शन टिफिनटॉप व हनुमानगढ़ी की चोटियों पर पहुंचे हुए थे!
जागरण संवाददा, नैनीताल : वर्ष के अंतिम चंद्र ग्रहण पर बादलों का ग्रहण लग गया। मंगलवार को ग्रहण की एक झलक पाने को लोग तरस गए। एरीज में चंद्रग्रहण को लेकर की गई सारी तैयारियां धरी रह गईं।
सूर्यास्त के साथ ही पूरब दिशा में चंद्रमा ग्रहण के साथ उदय होना था, लेकिन तभी घने बादलों के साथ कोहरे फैलने लगे। वर्ष के अंतिम ग्रहण देखने के लिए समय से पहले ही लोग हिमालय दर्शन, टिफिनटॉप व हनुमानगढ़ी की चोटियों पर पहुंचे हुए थे और टकटकी लगाए चंद्रमा उदय होने का इंतजार कर रहे थे।
शाम 5.17 बजे ग्रहण दिखना था, लेकिन पूरा एक घंटा गुजर जाने के बाद भी चंद्रमा के दीदार नहीं हो सके। इस बीच कुछ देर के लिए बादलों के पीछे चंद्रमा नजर आया भी तो ग्रहण स्पष्ट नहीं दिख सका। जिस कारण लोग बेहद निराश हुए।
इधर आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज में भी ग्रहण दिखाने के लिए दूरबीन का मूंह चंद्रमा की ओर कर दिया गया था। इस घटना के साक्षी बनने के लिए कई लोग एरीज पहुंचे हुए थे। मगर बादलों ने बाधा डाल दी। प्रो दीपांकर बनर्जी ने बताया कि चंद्रग्रहण लगभग 60 फीसद देखे जाने की उम्मीद थी।
इस खगोलीय घटना को देखने के लिए स्कूली बच्चों समेत पर्यटक काफी लोग एरीज पहुंचे हुए थे। उन्हें दूरबीन से भी चंद्रग्रहण दिखाया जाना था। इस दौरान एरीज के विज्ञानियों ने ग्रहण की विशेषताओं की जानकारी देने को लेकर मौजूद थे।साथ ही एरीज से चंद्रग्रहण की ऑनलाइन व्यवस्था की गई थी। मगर बादलों के आगे जोर न चल सका। इस अवसर पर डा वीरेंद्र यादव, रविंद्र यादव व हरीश तिवारी समेत पर्यटक व स्कूली बच्चे मौजूद थे।
अगले साल लगेंगे चार ग्रहण
2023 में भी चार ग्रहण लगेंगे। जिसमें दो सूर्यग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे । पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा। इसके बाद 15 मई को चंद्रग्रहण लगेगा। 14 अक्टूबर को पुनः सूर्यग्रहण होगा। इसके एक पखवाडे़ बाद 28 अक्टूबर को पुनः चंद्रग्रहण नजर आएगा।
चंद्रग्रहण पर बंद रहे मंदिरों के कपाट
चंद्रग्रहण पर मंगलवार जागेश्वर धाम, नयना देवी मंदिर, गिरिजा देवी मंदिर, बागनाथ मंदिर समे अन्य मंदिरों के कपाट बंद रहे। ग्रहण खत्म होने बाद ही मंदिरों के कपाट विधि विधान से खोले गए। नयना देवी मंदिर के कपाट सुबह ही बंद कर दिए गए थे। लोग चंद्रग्रहण के राशियों में प्रभाव के बारे में भी जानकारी जुटाते रहे।