Chandrashekhar Harbola : बेटियां पूछतीं कब आएंगे पापा, मां हर बार कहती 15 अगस्त पर
सियाचिन में आपरेशन मेघदूत के दौरान लापता हुए लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला पर की पत्नी शांति देवी के सामने दो बेटियों के पालन पोषण की जिम्मेदारी थी। तब बड़ी बेटी कविता साढ़े चार साल व छोटी बेटी बबीता ढ़ाई साल की थी। उनकी शादी को मात्र नौ साल हुए थे।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 15 Aug 2022 10:37 AM (IST)
दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : Martyr Chandrashekhar Harbola : कई बार हमारी जुबां से सच निकल जाता है। शांति देवी के मुंह से बच्चों को दिलासा दिलाने को बोला गया झूठ 38 साल बाद सच में बदल गया। इस बार 15 अगस्त से पहले उनके बलिदानी पति लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला (Chandrashekhar Harbola) का पार्थिव देह सियाचिन में मिली है।
लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला के लापता हो जाने पर उनकी पत्नी शांति देवी के सामने दो बेटियों के पालन पोषण की जिम्मेदारी थी। तब बड़ी बेटी कविता साढ़े चार साल व छोटी बेटी बबीता ढ़ाई साल की थी। शांति देवी बताती हैं कि जब पति सियाचिन में लापता हुए उनकी शादी को मात्र नौ साल हुए थे।
बेटियां कुछ बड़ी हुईं तो पापा के बारे में पूछने लगी। मैं हर बार झूठ बोलकर कहती थी वह दूर नौकरी करते हैं। इस बार 15 अगस्त को वह घर आ जाएंगे। एक दिन मुझे भारी मन से बेटियों को सच बताना पड़ा। बड़ी बेटी की 12वीं पास कर शादी की। छोटी बेटी बीएससी कर शादी के बंधन में बंधी।
शांति देवी 1993 में बिंता द्वाराहाट से हल्द्वानी में आकर बस गईं। शहीद चंद्रशेखर हर्बोला आज जीवित होते तो 66 वर्ष के होते। उनके परिवार में उनकी 64 वर्षीय पत्नी शांति देवी व दो बेटियां कविता, बबीता और उनके बच्चे यानी नाती-पोते 28 वर्षीय युवा के रूप में अंतिम दर्शन करेंगे।
पुल बनाने की सूचना पर निकली थी ब्रावो कंपनी
दुनिया के सबसे दुर्गम युद्धस्थल सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे की सूचना पर आपरेशन मेघदूत के तहत श्रीनगर से भारतीय जवानों की कंपनी पैदल सियाचिन के लिए निकली थी। इस लड़ाई में प्रमुख भूमिका 19 कुमाऊं रेजीमेंट ने निभाई थी।
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