Chhath Puja 2022: घाटों पर उमड़ी आस्था, अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार के लिए की सुख-समृद्धि की कामना
Chhath Puja 2022 छठ पूजा को मुख्य रूप से सूर्य उपासना का पर्व माना गया है। नहाय खास से चार दिनी इस महापर्व की शुरुआत होती है। दूसरे दिन खरना होता है। तीसरे दिन अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaUpdated: Sun, 30 Oct 2022 06:00 PM (IST)
जागरण टीम, हल्द्वानी। Chhath Puja 2022: छठ महापर्व के तीसरे दिन आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इस मौके पर घाटों की रौनक देखने वाली थी। हर तरफ छठ गीतों की गूंज से माहौल भक्तिमय बना हुआ था। हल्द्वानी में रामपुर रोड स्थित छठ घाट पर इस मौके पर करीब 500 परिवार जुटे और शाम के 5:22 बजते ही सूर्य देव और उनकी पत्नी प्रत्यूषा की आराधना करते हुए महिलाओं और उनके स्वजनों ने पानी में खड़े होकर अस्त होते सूर्य देव को अर्घ्य दिया।
घाट की शोभा में लगा चार चांद
छठ पूजा को मुख्य रूप से सूर्य उपासना का पर्व माना गया है। नहाय खास से चार दिनी इस महापर्व की शुरुआत होती है। दूसरे दिन खरना होता है। तीसरे दिन अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन होता है। छठ पूजा सेवा समिति के पदाधिकारियों ने इस महापर्व के लिए रामपुर रोड स्थित छठ घाट को आकर्षक तरीके से सजाया था। बिजली के झालरों से जगमग घाट की परछाई नहर में प्रतिबिंबित होने पर घाट की सुंदरता पर चार चांद लग गए।उगते सूर्य को अर्घ्य कल
आज अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सोमवार को सूर्याेदय का समय सुबह 6:23 है। इस दौरान भी भारी भीड़ घाटों पर जुटेगी।