अब वेद व ज्योतिष के साथ विज्ञान का ज्ञान भी लेंगे संस्कृत स्कूलों के बच्चे nainital news
संस्कृत विद्यालयों में वेद-ज्योतिष के साथ ही दसवीं-बारहवीं के छात्र अगले सत्र में विज्ञान भी पढ़ेंगे। ऐच्छिक विषय के तौर पर शामिल विज्ञान को अनिवार्य किया जाएगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 30 Dec 2019 08:38 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : संस्कृत विद्यालयों में वेद-ज्योतिष के साथ ही दसवीं-बारहवीं के छात्र अगले सत्र में विज्ञान भी पढ़ेंगे। ऐच्छिक विषय के तौर पर शामिल विज्ञान को अनिवार्य किया जाएगा। संस्कृत शिक्षा विभाग इस बाबत प्रस्ताव तैयार करने जा रहा है, जिसे जल्द ही परीक्षा और शिक्षा परिषद की कार्य परिषद व पाठ्यक्रम समिति के समक्ष पेश किया जाएगा।
उत्तराखंड के संस्कृत विद्यालयों में आठवीं कक्षा के बाद सामाजिक विज्ञान व विज्ञान विषय ऐच्छिक रूप में पढ़ाया जाता है। परीक्षा के दौरान इन दोनों विषयों में से जिस विषय में छात्र के अंक अधिक होते हैं, उस विषय के अंक पूर्णांक में जोड़े जाते हैं। ऐच्छिक विषय होने के चलते स्कूलों में अब तक विज्ञान के न तो अध्यापक हैं और न ही प्रयोगशाला, जबकि वर्तमान के तकनीकी युग में हर चीज का जुड़ाव कहीं न कहीं विज्ञान से भी है। स्कूली शिक्षा उत्तीर्ण करने के बाद संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को उच्च शिक्षा में परेशानी का सामना करना पड़ता है जो कि लाजिमी है। वर्तमान में राज्य में 54 संस्कृत विद्यालय संचालित हो रहे हैं।
प्रयोगात्मक परीक्षा भी होगी
संस्कृत शिक्षा अनिवार्य होने के साथ ही स्कूलों में प्रयोगशालाओं का भी निर्माण होगा, जिनमें छात्र प्रयोगात्मक परीक्षा भी दे सकेंगे। लिखित के साथ ही प्रयोगात्मक परीक्षा के अंकों को पूर्णांक में जोड़ा जाएगा। संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ. पद्माकर मिश्र का कहना है कि विज्ञान विषय को अनिवार्य करते के लिए शीतावकाश के बाद सभी स्कूलों से परामर्श के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जिसे कार्य परिषद व पाठ्यक्रम समिति के सामने रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें : अजैविक कूड़ा लाइए और इंदिरा अम्मा भोजनालय में फ्री में खाना खाइए
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।