सीमांत की घाटियों में पाया जाने वाला ये पौधा है बहुआयामी, जानिए क्या है इसमें खास
सीमांत जनपद के काली सरयू पूर्वी रामगंगा और गोरी गंगा नदी घाटियों में पाया जाने वाला विशाल पर्णपाती च्यूरा वृक्ष बहुआयामी है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 25 Mar 2019 11:32 AM (IST)
पिथौरागढ़, जेएनएन : सीमांत जनपद के काली, सरयू, पूर्वी रामगंगा और गोरी गंगा नदी घाटियों में पाया जाने वाला विशाल पर्णपाती च्यूरा वृक्ष बहुआयामी है। इस वृक्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके फूल, फल, बीज, छाल, लकड़ी, खली, पत्तियां सभी से उत्पाद बनते हैं। वृक्ष से घी, तेल, वसा, पशु चारा, शहद, कीटनाशक, अगरबत्ती, साबुन, वेसलीन, मोमबत्ती बनती हैं। जिसके चलते इस वृक्ष को कल्पतरु की संज्ञा मिली है, परंतु इसके कायाकल्प का इंतजार लंबा हो चुका है। यदि च्यूरा वृक्ष को प्रोत्साहित कर इसके उत्पाद बनने लगें तो यह सीमा छोर में रोजगार का प्रमुख साधन बन सकता है।
डिप्लोनेमा बुटीरेशिया है वानस्पतिक नामच्यूरा का वानस्पतिक नाम डिप्लोनेमा बुटीरेशिया है। ङ्क्षहदी में इसे फुलवाड़ा, चिउड़ा, फलेल कहा जाता है। इंडियन बटर ट्री भी कहा जाता है। च्यूरा विशाल पर्णपाती वृक्ष है। यह 12 से 21 मीटर तक ऊंचा तथा 1.8 से 3 मीटर की गोलाई का गहरी भूरी एवं कत्थई रंग की छाल वाला वृक्ष है। इसके पत्ते 20 से 35 सेमी लंबे 8.7 सेमी से 15 सेमी चौड़े होते हैं। स्थानीय आधार पर इन पत्तियों को गृह प्रवेश व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों पर घर के चारों तरफ लगाते हैं।
च्यूरे के उपयोग
- च्यूरे से घी , तेल तथा वसा प्राप्त होती है
- च्यूरे का उपयोग इमारती लकड़ी एवं ईंधन के रू प में होता है।
- च्यूरे के पत्तियों का उपयोग पशु चारे के रू प में होता है।
- च्यूरा शहद प्राप्ति का सबसे उत्तम साधन है।
- च्यूरे की खली का उपयोग कीटनाशक दवा के रू प में किया जाता है।
- कुमाऊं हिमालय में च्यूरे की खली का उपयोग मच्छर व सांप भगाने के लिए किया जाता है।
- च्यूरे की खली से साबुन, वेसलीन और मोमबत्ती बनाई जाती है।
- स्थानीय लोग च्यूरे के फलों से पराठे, गुड़ बनाते हैं।
च्यूरा पर इस समय संस्थाओं के माध्यम से कार्य चल रहा है, परंतु सरकार के स्तर पर अभी भी विशेष प्रयास नहीं हो रहे हैं। अलबत्ता च्यूरा की जीआइ की प्रक्रिया जारी है। जिसके लिए नाबार्ड ने सहयोग दिया है। यदि च्यूरा के दिन बहुरते हैं तो यह यहां की आर्थिकी को बदल सकती है।यह भी पढ़ें : रिसॉर्ट में ठहरे दंपती से मारपीट व छेड़छाड़ करने का आरोप, पांच आरोपितों का चालान
यह भी पढ़ें : कुमाऊं का कालापानी है चुकुम गांव, कोसी की बढ़ के कारण देश दुनिया से कट गए यहां के लोग
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।