सीएम धामी ने हल्द्वानी में गौला नदी से हुए भू-कटाव का किया निरीक्षण, सुरक्षात्मक कार्य करने के दिए निर्देश
उत्तराखंड में मानसून सीजन में पहाड़ से लेकर मैदान तक बुरा हाल रहता है। वहीं इस सीजन में हर बार अधिक बारिश के चलते आपदा जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी में गौला नदी से हुए भू-कटाव का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने जिलाधिकारी को निवारण के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को हल्द्वानी में गौला नदी से हुए भू-कटाव का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सिंचाई विभाग को गौला नदी के 500 मीटर भाग में चैनलाइजेशन, वायर क्रेट और सुरक्षात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिये कि हल्द्वानी स्थित अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम को भू-कटाव से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों के लिए ठोस नीति बनाकर कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन स्तर जो भी वित्तीय स्वीकृति के लिए आवश्यकता होगी, शीघ्र उपलब्ध कराई जायेगी।
मानसून सीजन में 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों में सुनियोजित विकास के नाम पर हो रहे निर्माण से किसी अन्य भौगोलिक, प्राकृतिक संरचना को कोई खतरा न हो, इसके लिए निकासी योजना को प्राथमिकता देते हुए योजना का क्रियान्वयन किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन की दृष्टि से सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहें।अतिवृष्टि की सूचना पर तत्काल एक्शन के निर्देश
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से होने वाले प्रभावों को न्यून करना हम सबका दायित्व है, इसके लिए सभी विभाग अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में निरंतर पेयजल, विद्युत, सड़क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की नियमित मॉनिटरिंग करें। किसी भी क्षेत्र में अतिवृष्टि की सूचना प्राप्त होते ही तत्काल टीम को भेजकर यथासंभव राहत बचाव कार्य किये जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए प्रभावितों को मौके पर ही राहत सामग्री और अनुमन्य राशि दी जा सके।
भूकटाव के रोकसाथ को शासन को भेजी गई लागत की डीपीआर
जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा दीर्घालिक कार्यों के लिए 200 मीटर के भू कटाव से रोकथाम की 2 करोड़ 60 लाख लागत की डीपीआर शासन को भेजी गई है, जो कि स्वीकृति के चरण पर है। अतिवृष्टि के कारण अब लगभग कुल 600 मीटर का भू कटाव हो गया। अतिरिक्त 400 मीटर भाग की डीपीआर शीघ्र तैयार कर शासन को भेजी जा रही है।
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