पद की हसरत में उलझे कांग्रेस नेता, संगठन में विस्तार का निर्णय भी अधर में
इंदिरा, प्रीतम व हरीश रावत के बीच की तनातनी जगजाहिर है। ऐसे में संगठन के विस्तार का निर्णय भी अधर में लटका हुआ है।
By Edited By: Updated: Thu, 24 Jan 2019 07:25 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : इंदिरा, प्रीतम व हरीश रावत के बीच की तनातनी जगजाहिर है। ऐसे में संगठन के विस्तार का निर्णय भी अधर में लटका हुआ है। प्रदेश स्तर ही नहीं, बल्कि जिला स्तर पर भी संगठन का विस्तार नहीं हो सका है। पद की चाहत में बैठे दावेदार अपने आकाओं के बीच की उलझन ही नहीं समझ पा रहे हैं।
पार्टी ने प्रीतम सिंह को एक साल पहले ही प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। तब से पार्टी में विस्तार को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन अभी तक मामला लटका हुआ है। अब तो कांग्रेसी ही कहने लगे हैं कि इस सूची के लटकने के पीछे का बड़ा कारण दिग्गजों का आपसी मतभेद हैं। पिछले कई महीनों से अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश व पूर्व सीएम व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के बीच आपसी बयानबाजी चरम पर है। इस तरह की सियासी स्थिति में प्रदेश अध्यक्ष को अपने तरीके से संगठन का विस्तार करना है। इसके लिए वह कई बार बयान भी जारी कर चुके हैं।
प्रदेश में हरीश रावत के समर्थकों की भी लंबी फेहरिस्त है। बताया जा रहा है कि सूची फाइनल होकर स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय हाईकमान के पास चली गई है। जिले स्तर पर भी ऐसी ही स्थिति है। यह लिस्ट कब तक जारी होगी, फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
पार्टी ने प्रीतम सिंह को एक साल पहले ही प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। तब से पार्टी में विस्तार को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन अभी तक मामला लटका हुआ है। अब तो कांग्रेसी ही कहने लगे हैं कि इस सूची के लटकने के पीछे का बड़ा कारण दिग्गजों का आपसी मतभेद हैं। पिछले कई महीनों से अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश व पूर्व सीएम व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के बीच आपसी बयानबाजी चरम पर है। इस तरह की सियासी स्थिति में प्रदेश अध्यक्ष को अपने तरीके से संगठन का विस्तार करना है। इसके लिए वह कई बार बयान भी जारी कर चुके हैं।
प्रदेश में हरीश रावत के समर्थकों की भी लंबी फेहरिस्त है। बताया जा रहा है कि सूची फाइनल होकर स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय हाईकमान के पास चली गई है। जिले स्तर पर भी ऐसी ही स्थिति है। यह लिस्ट कब तक जारी होगी, फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
नैनीताल जिले में 125 पदाधिकारियों की सूची प्रदेश संगठन को भेजी
नैनीताल जिले में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल कई दिन पहले 125 पदाधिकारियों की सूची प्रदेश संगठन को भेज चुके हैं। इसमें करीब 15 जिला महासचिव बनने हैं। इस पर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। यह भी पढ़ें : धन सिंह बोले, छात्रों और किसानों के हित में काम कर रही है सरकार
यह भी पढ़ें : डौनपरेवा में कई योजनाओं का कैबिनेट मंत्री आर्य ने किया लोकार्पण
नैनीताल जिले में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल कई दिन पहले 125 पदाधिकारियों की सूची प्रदेश संगठन को भेज चुके हैं। इसमें करीब 15 जिला महासचिव बनने हैं। इस पर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। यह भी पढ़ें : धन सिंह बोले, छात्रों और किसानों के हित में काम कर रही है सरकार
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