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Haldwani News: इंतजार खत्म अब जल्द जमरानी के विस्थापितों को साझा होगी मुआवजा स्कीम

जमरानी बांध योजना के अंतर्गत विस्थापन में करीब 500 करोड़ खर्च का अनुमान है। टाउन प्लानर की तरफ से डिजाइन तैयार होते ही बजट को लेकर स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी। वहीं अफसरों के मुताबिक जमीन अधिग्रहण के साथ इंफ्रास्टक्चर और पेड़ों का मुआवजा भी मिलना है।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 10:20 AM (IST)
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ग्रामीणों को पता चलेगा कि किसका और कितना इंफ्रास्टक्चर मुआवजा श्रेणी में आ रहा है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: 47 साल पहले शुरू हुई जमरानी बांध निर्माण की कवायद को अब भूमि अधिग्रहण की धारा का इंतजार है। इसके लागू होने पर विस्थापितों संग मुआवजा स्कीम को साझा किया जाएगा। ग्रामीणों को पता चलेगा कि किसका और कितना इंफ्रास्टक्चर मुआवजा श्रेणी में आ रहा है।

इसके अलावा निजी जमीन के पेड़ों का ब्यौरा भी सार्वजनिक किया जाएगा। फिलहाल इस क्षेत्र में धारा 11 लागू है। जिसके तहत जमीन की खरीद और बिक्री दोनों बंद है। नई धारा लागू करने के लिए कैबिनेट से पुर्नस्थापन पालिसी को मुहर का इंतजार है। वहीं, प्रोजेक्ट के पीएम कृषि सिंचाई योजना का हिस्सा बनने के कारण अफसरों को उम्मीद है कि जल्द यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

उत्तर प्रदेश के दौर में साल 1975 में पहली बार हल्द्वानी से सटे जमरानी क्षेत्र में बांध निर्माण का प्रस्ताव बनाया गया था। लेकिन मामला अटकता चला गया। पिछले तीन साल से बांध से जुड़े प्रस्तावों और सर्वे में तेजी भी आई।

पहले एशियन डेवलेपमेंट बैंक यानी एडीबी से बजट हासिल करने की कवायद चल रही थी। लेकिन एडीबी की नई-नई शर्तों की वजह से लगातार देरी हो रही थी। 10 जून को सचिव जल संसाधन की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2584.10 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत स्वीकृति मिल गई। इसके तहत 90 प्रतिशत बजट केंद्र व 10 प्रतिशत राज्य सरकार की तरफ से देना तय हुआ है।

वहीं, परियोजना से जुड़े अफसरों ने किच्छा के प्राग फार्म में विस्थापितों को बसाने के लिए मास्टर प्लान बनाना पहले ही शुरू कर दिया था। विस्थापन में करीब 500 करोड़ खर्च का अनुमान है। टाउन प्लानर की तरफ से डिजाइन तैयार होते ही बजट को लेकर स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी।

वहीं, अफसरों के मुताबिक जमीन अधिग्रहण के साथ इंफ्रास्टक्चर और पेड़ों का मुआवजा भी मिलना है। पुर्नस्थापन पालिसी को कैबिनेट मुहर लगने पर मुआवजा स्कीम बनेगी। इसे ग्रामीणों संग सांझा कर सुझाव भी लिए जाएंगे।

26 नए खाताधारक जोडऩे को सौंपा ज्ञापन

जमरानी बांध की जद में 350 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर निजी जमीन आएगी। जमरानी बांध संघर्ष समिति अध्यक्ष नवीन पलडिय़ा ने बताया कि धारा 11 लागू होने से पहले नई रजिस्ट्री भी हुई। इसके अलावा पारिवारिक बंटवारे भी हुए। ऐसे में मुरकुडिय़ा, तिलवाड़ी व उडवा गांव में 26 नए खाताधारक हो गए हैं। इन्हें पुनर्वास सूची में शामिल करने को सोमवार को नैनीताल पहुंच लोगों ने विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी को ज्ञापन भी दिया।

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