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अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, उत्‍तराखंड में वन रावत व बुक्सा जनजाति की हालत बेहद खराब

अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने कहा कि जनजातियों को भूमि का अधिकार दिए जाने की पहल की गई है। सरकार से इस पर जल्द कार्रवाई की करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति वन रावत व बुक्सा जनजाति की हालत बेहद खराब हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 03:05 PM (IST)
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अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, उत्‍तराखंड में वन रावत व बुक्सा जनजाति की हालत बेहद खराब
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने कहा कि जनजातियों को भूमि का अधिकार दिए जाने की पहल की गई है। सरकार से इस पर जल्द कार्रवाई की करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति वन रावत व बुक्सा जनजाति की हालत बेहद खराब हैं। जिस पर कार्य किया जा रहा है।

रविवार को नगरपालिका परिसर में पत्रकार वार्ता में अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष गणेश मर्तोलिया ने कहा कि प्रदेश में पांच जनजाति वन रावत, थारु, बोक्सा, भोटिया व जौनसारी हैं। शिक्षा का प्रसार नहीं होने से वनरावतों व बुक्साओं की हालत बेहद खराब है। पिथौरागढ़ व चम्पावत में रहने वाली वनरावतों की आबादी 862 ही रह गई है। शिक्षा, रोजगार के अभाव में यह जनजाति लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं।

इन जनजातियों के उत्थान के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने की जरुरत है। ऐसा ही हाल बुक्साओं का है। इनकी आबादी भले ही 40 हजार हो लेकिन यह जनजाति भी मुख्यधारा से कटी ही हुई है। इन पर आयोग का विशेष ध्यान है। इसके अलावा जनजातियों को भूमि का अधिकार दिए जाने पर जोर दिया जा रहा है।

सरकार ने पट्टे देकर इतिश्री कर दी है। उनकी हालत भी बेहद खराब है। यह अधिकार मिल जाएगा तो उनके हालात पर भी सुधार आएगा। आयोग के उपाध्यक्ष श्री मर्तोलिया ने कहा कि प्रदेश में जनजातियों के उत्पीड़न से संबंधित मामले नही हैं। भूमि, प्रमोशन, बैकलाग संबंधित मामले ही आयोग के पास आ रहे हैं। जिस पर समय-समय पर संबंधितों को दिशा-निर्देशित किया जा रहा हैं।

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